आदरणीय पाठक बंधु सादर अभिवादन स्वीकार हो। हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे। मेरी पूरी कोशिश होगी कि उनलोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें। आपका सचीन्द्र मिश्र सीधी ................................................... 📱 चेहरे चर्चित चार📱 नेता अफसर - विधिक पत्रकार जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार । ................................................... ✍️ धर्मेन्द्र शुक्ल📱 अध्यक्ष भाजपा मण्डल सीधी ................................................... सीधी जिले में युवा नेताओ की बात करे और धर्मेन्द्र शुक्ल का नाम न आये ये भला कैसे हो सकता है,अलग मुस्कान के साथ बातूनी चेहरा जिसकी पहचान है, एक पत्रकार,ठेकेदार,एवं नेता तीनो गुणों से परिपूर्ण धर्मेन्द्र शुक्ल आज जिले के चर्चित चेहरों में सुमार है, शुरुआती दौर में शासकीय नौकरी छोड़ अपनी अलग पहचान बनाने को उत्सुक युवा नेता धर्मेन्द्र शुक्ल ने कई क्षेत्रो में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है । धर्मेन्द्र शुक्ल का जन्म सीधी के पड़ोसी जिले रीवा के हनुमाना तहसील अंतर्गत मुर्तिहा ग्राम में 24 जुलाई 1985 को हुआ । इन्होने बीकॉम, एमए, एलएलबी, पीजीडीसीए, सीपीसीटी के साथ साथ कंप्यूटर में हिंदी टाइपिंग में महारत हासिल किया और लम्बे समय तक कंप्यूटर आपरेटर का काम भी किया एवं दो दो बार शासकीय कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी मिलने पर भी नौकरी से इनकार कर दिया गया ।इन्होने 2010 में विधि स्नातक उपरांत एमपी स्टेटबार काउंसिल की परीक्षा पास कर अधिवक्ता का रजिस्ट्रेशन भी प्राप्त किया। इन्होने पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए 2004 में दैनिक सत्य गंगा खबर से पत्रकारिता की शुरुआत, 2006 से 2010 तक दैनिक जागरण, 2011 में विन्ध्यभारत। दैनिक कीर्ति प्रभा, विंध्य टाईगर स्वतंत्रमत, नव प्रजादेश, समागम का दायित्व सम्हाला इसके चलते इन्हें पत्रकारिता जगत में भी काम करने का एक अच्छा अनुभव रहा है इन्हें अखबार छापने से लेकर अखबार बांटने तक के काम का अनुभव है । पत्रकारिता के साथ साथ इनका रुझान राजनीति की और भी रहा है और अभी वर्तमान में भले ही इनका राजनीती का सफ़र शुरुआती है लेकिन इनकी पहचान किसी के परिचय की मोहताज नहीं है । इन्हें 2006 में बूथ अध्यक्ष का दायित्व मिला इसके उपरांत 2008 से 12 तक नगर मंडल में प्रकोष्ठ, मोर्चा का दायित्व ये 2012 से लगातार भाजपा के ज़िला मीडिया प्रभारी रह चुके है एवं तीन जिला अध्यक्षों के साथ तीन कार्यकाल तक मीडिया प्रभारी रहे है, वर्तमान सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल का इनपर गहरा असर है और उनके मार्गदर्शन में ही इनके ज्यादातर कार्य सम्पादित होते रहे तभी तो 18 वर्ष की आयु में ही इनके भीतर पार्षद बनने की ललक थी पर विधायक जी ने विधायक प्रतिनिधि बनाकर आगे के लिए अवसर दिया , नगर मंडल में इनका कार्यकाल अब तक का सबसे श्रेष्ठ कार्यकाल रहा । कोरोना महामारी के दौर में दीनदयाल रसोई में इनके नेतृत्व में नगर मंडल द्वारा 3 महीने नि :शुल्क गरीबों को भोजन वितरित किया एवं बाहर फंसे हुए ऐसे लोग चाहे छात्र हो चाहे मजदूर हो श्रमिक हो सभी के लिये दिलखोल मददगार रहे , इतना ही नही हाल ही में युवा नेता गुरुदत्त के साथ कंधे पे कंधा मिलाकर जरूरतमंदों को कोरोनाकाल में नाश्ता और भोजन का वितरण सुर्खियों में रहा है । सीधी विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ल का संरक्षण होने के नाते धर्मेंद्र आज अपने कद से कंही दो पग आगे निकल चुके हैं । ................................................... ✍️दीपक बघेल📱 सब इंस्पेक्टर ................................................... आज चर्चा ऐसे चेहरे की जो किसी के परिचय का मोहताज नहीं जो सच में चर्चित है,जो मिलनसार है, पर कड़क भी है, जो विवादित भी है पर कर्मठ भी है जो बेबाक है पर निडर है, जिसने जिले में अपनी एक अलग पहचान बनाई और जिले का चर्चित चेहरा बन गया, जिसके लिए स्थान मायने नहीं रखता चाहे जिला मुख्यालय हो या वनांचल या फिर राजनीति के गढ़ कहे जाने वाले चर्चित थाना हर जगह हर परिस्थिति में उसने खुद को ढालते हुए अपनी अलग पहचान बनाई है । जी हाँ हम बात कर रहे है जिले के चर्चित थानेदार दीपक बघेल की.... दीपक बघेल का जन्म मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के परासपानी ग्राम में 20 मार्च 1989 में हुआ इनकी प्रारंभिक शिक्षा 1 से आठ तक गृह ग्राम में ही संपन्न हुई,इसके बाद 9वी से 12 के लिए ये केवलारी चले गए स्नातक करने के बाद इन्होने 2013 से बतौर पुलिस आरक्षक पुलिस विभाग में सेवाए देनी शुरू कर दी लेकिन आगे बढ़ने की चाह ने इनके प्रयास को जारी रखा और दो वर्ष तक मंडला व बलाघात में सेवा देने के उपरांत सन 2015 में इनका चयन बतौर सब इंसपी हो गया और इनकी पहली पोस्टिंग सीधी जिले में ही हुई जहां ये आज भी अपना जलवा बिखेर रहे है । सीधी जिले में बतौर ट्रेनी आये दीपक बघेल ने सीधी के चर्चित टी आई अनिल उपाध्याय को अपना गुरु मानते हुए उनके अंडर में ज्यादातर पुलिसिया गुर सीखे और यंही सीधी से ही अपनी पारी की सुरुआत की सीधी में ये कई थानों में रहे और हर जगह अपनी छाप छोड़ते रहे, नवयुवक होने के कारण इनकी कार्यशैली थोड़ी आक्रामक रही जिसके कारण कई बार ये चर्चा का विषय भी बने फिर चाहे वो कुशमी हो या कोतवाली में रहते कोर्ट परिसर हो, पर इनके द्वारा कई अपराधो पर अंकुश भी लगाया गया और इनके क्षेत्र में अपराधियों पर नियंत्रण भी रहा | उच्च अधिकारियो द्वारा सौपे गए कई महत्वपूर्ण कार्य भी इनके द्वारा पूर्ण किये गए दूर दराज से अपनी टीम के साथ कई अपराधियों को पकड़ने में भी इन्होने सफलता पाई और तो और जिले के उग्र क्षेत्रो में शुमार अमिलिया थाना जिसका पूर्व इतिहास काफी चर्चित था ऐसी जगह पर भी ये लम्बे समय से टिके हुए है ये खास बात है अपने अलग अंदाज व रौबीले स्वाभाव के कारण दीपक बघेल का जिले में मिला जुला प्रभाव व चर्चाये है । लेकिन आरक्षक से थानेदार का इनका सफ़र लोगो के लिए प्रेरणा है और रही काम की बात सभी का अलग अलग स्वाभाव है सभी के अपने तरीके है और इनका भी एक ये अलग तरीका है । असम्भव को सम्भव में पर्णित करना इनकी आदत में सुमार हो चुका है पिछले पांच सालों के भीतर विंध्य की इस धरा में इनकी अनेकों किदवंतियां हैं , किंतु विपरीत हबा के इस झोंके़ म़े अब आवश्यकता है परिवर्तन की ... ................................................. ✍️ सूर्यकांत पाण्डेय "निराला 📱 एडवोकेट .................................................. चर्चित चेहरे मे आज एक ऐसे सीनियर अधिवक्ता की चर्चा कर रहा हूँ जो सौम्यता व शालीनता के साथ विधि व्यवसाय मे बड़ी ही संजीदगी के साथ रमे हुए है, आज हम जिनकी बात कर रहे है वों हैं एडवोकेट सूर्यकांत पाण्डेय निराला जी|, इनका जन्म एक शिक्षक के घर 4 मार्च सन 1966 में ग्राम कुबरा बहरी में हुआ था इनकी प्रारंभिक शिक्षा देवगवां व पतुलखी मे हुई तत्पश्चात हायर एजुकेशन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीधी क्रमांक 1 से हुई, संजय गांधी महाविद्यालय सीधी से स्नातक की पढाई पूर्ण कर श्री पाण्डेय जी ने कानून की पढ़ाई के लिए रीवा TRS कालेज मे प्रवेश लेकर एल एल वी की डिग्री हासिल की, इसके पश्चात स्टेट वार कौन्सिल मे पंजीयन क्रमांक 140/92 के उपरांत फरवरी 1992 मे इन्होने वकालत का शुभारंभ जिला न्यायालय सीधी मे किया जो निरंतर आज तक इसी पेशा में लोगों को कानूनी मदद मे लगे हुए है! श्री पाण्डेय जी हर तरह के मामलों में पैरवी के लिए जाने जाते हैं वर्ष 2006 में जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होकर अपने दायित्वों का निर्वहन किया था, वर्ष 2001 मे भारत सरकार का उपक्रम IRDA से संचालित दि ओरिऐन्टल इंडिया इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड व वर्ष 2006 मे नेशनल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की ओर से विधिक सलाहकार के रूप में इन कम्पनियों की तरफ से मामलों में पैरवी करते चले आ रहे हैं, सन 2013 मे माह अगस्त में विधि एवं विधाई कार्य विभाग द्वारा इन्हें अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किया गया अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता के रूप में अपने दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए 31/07/2021 को कार्यमुक्त हो गये वर्तमान में वीमा कम्पनियों की ओर से न्यायालय में पैरवी कर रहे हैं , अधिवक्ता श्री पाण्डेय जी का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पुराना संबंध रहा है वर्ष 1980 मे RSS के प्रथम वर्ष प्रशिक्षण प्राप्त किया था तभी से संघ व भाजपा की विचारधारा से प्रभावित है, दि ओरिऐन्टल इन्श्योरेंस कम्पनी ने श्री पाण्डेय जी के न्यायालयीन प्रकरणों में पैरवी से प्रभावित होकर प्रसस्ति पत्र भी दिया है, वस्तुतः वरिष्ठ अधिवक्ता श्री पाण्डेय जी विधिक क्षेत्र में एक सफल अधिवक्ता के तौर पर जाने पहचाने तथा निराले है इसिलिए तो सूर्यकांत पाण्डेय निराला कहे जाते हैं । ................ .................................. ✍️ हंसराज दुबे 📱 पत्रकार ................................. ................ आज के हमारे इस अंक के पत्रकार के कालम में एक ऐसे वरिष्ठ पत्रकार है जिन्होंने जहां से अपनी शुरुआत की इसी पर अभी भी कायम है, इतने वर्षो में इन्होने न अपना संस्थान बदला और न ही अपना परिधान, अलग और अनोखे पहनावे के कारण इनका पत्रकारिता में अपना अलग स्थान है बेहद सादे जीवन शैली के मालिक आज के हमारे पत्रकार है हंस राज दुबे..... जी हाँ लम्बा कुर्ता सर पर टोपी और चौड़ा पैजामा यही है समय के वफादार पत्रकार हंस राज दुबे की| करीब करीब आजादी के दौर में जन्मे हंसराज दुबे की जीवन शैली बेहद सरल व जमीनी है, आज के परिवेश से अलग हंस राज का जन्म 2 मार्च 1948 को सीधी जिले के रामपुर नैकिन क्षेत्र के कंधवार गांव में हुआ| इन्होने 1969 में हायर सेकेंडरी करने के बाद पत्रकारिता की राह चुनी । श्री दुबे का पत्रकारिता की ओर आना भी बेहद रोचक रहा दरअसल इन्हें दरबार(बैठक) का शौक था और इनके दरबारी भी जिले की मानी जानी हस्तियां थी जिनमे स्व.चन्द्र प्रताप तिवारी, केशव सिंह ,अजय सिंह राहुल भैया, सीधी विधायक केदार नाथ शुक्ल आदि शामिल थे इन तमाम विभूतियों की दरबार ने इन्हें धीरे धीरे पत्रकार बना दिया । दरबार करते करते इन्हें अखबार के इंक की खुशबू का नशा सा लग गया और बाबू जी के सानिध्य में पत्रकारिता करने लगे । किंतु मजे की बात यह है कि हंसराज समय तक ही सीमित रह गये ...शिव परिक्रमा के शिवाय कोई और परिक्रमा उन्हें रास नही आई । समय प्रेस में दरबार की बदौलत स्व. कार्तिकेय पति त्रिपाठी के सम्पर्क में आये। साप्ताहिक से जब दैनिक समय हुआ तब से समय के साथ " पप्पू भैया " का स्वामी भक्त बने हुये हैं ।