भोपाल (ईन्यूज एमपी)-MP के करीब 10 हजार मंडी कर्मचारी शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। वे प्रदेश सरकार को उस वादे की याद दिलाएंगे, जो सितंबर-अक्टूबर 2020 को किया था। पिछले साल मंडीकर्मियों ने वेतन-पेंशन और मंडी बोर्ड में मर्ज करने के लिए बड़ा आंदोलन किया था। रैली, लाठीचार्ज और कई दिन तक धरना-प्रदर्शन करने के बाद सरकार ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड के पदाधिकारियों का कहना है कि एक साल बाद भी मांगें पूरी नहीं हो गई है। सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए शुक्रवार से प्रदर्शन की शुरुआत करेंगे। पहले दिन मंडीकर्मी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। यदि सरकार ने तब भी मांगों के निराकरण करने का वादा नहीं निभाया, तो 10 दिन बाद प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करने की रणनीति बनाई जाएगी। 3 महीने की जगह 1 साल बीता, पर मांगें पूरी नहीं हुई मोर्चा के प्रदेश संयोजक बीबी फौजदार, एग्रीकल्चर मंडी बोर्ड ऑफिसर्स एम्पलाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अंगिराप्रसाद पांडे एवं अजाक्स शाखा मंडी बोर्ड के अध्यक्ष नैन सिंह सोलंकी ने बताया कि पिछले साल 3 अक्टूबर को CM शिवराज सिंह चौहान एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने तीन महीने के भीतर मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया था, पर अब एक साल बीत गया है। बावजूद मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं। हालांकि, प्रस्ताव जरूर बन गया है, लेकिन वरिष्ठ अफसरों के पास ही फाइल पेंडिंग है। सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए ही प्रदर्शन की शुरुआत की जा रही है। ये हुआ था पिछले साल पेंशन-वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले साल सितंबर में प्रदेशभर की मंडियों के अधिकारी-कर्मचारी कई दिन तक हड़ताल पर रहे थे। हड़ताल के दौरान वल्लभ भवन के पास पुलिस ने आंदोलनकारी मंडीकर्मियों पर लाठीचार्ज भी किया था। बाद में सरकार ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। आश्वासन के बाद कई दिन से चल रही हड़ताल खत्म हो गई थी। मांगों का निराकरण 3 महीने में किया जाना था, लेकिन 1 साल बीत चुका है।