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सीधी- सीईओ जिला पंचायत ने ली ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक,देखें क्या दिए निर्देश......

सीधी (ईन्यूज एमपी)-ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन गत सोमवार को जिला पंचायत के सभागार में हुआ।नवागत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री राहुल धोटे की पहली समीक्षा बैठक में मनरेगा,स्वच्छ भारत मिशन,प्रधानमंत्री आवास योजना,सीएमहेल्पलाइन,मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम,अंकुर अभियान,आजीविका मिशन,वृक्षारोपण कार्य की प्रगति पर चर्चा की गई।
कार्यों में गुणवत्ता और समय पर निर्माण होगी प्राथमिकता- मनरेगा की समीक्षा के करते हुए सीईओ जिला पंचायत ने निर्देशित किया कि स्थल पर उपयंत्री उपस्थित हो और गुणवत्ता पर ध्यान रखे।निर्धारित मापदण्ड में समय सीमा पर कार्यों को कराया जाना अनिवार्य होगा।गुणवत्तापूर्ण कार्य न होना दण्डनीय होगा।
सभी श्रमिक कार्य से नियोजित हों इसके लिए कार्य की सूचना और रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।पीसीओ के माध्यम से पंचायत श्रमिक नियोजन में निगरानी रखी जाए इसके साथ ही अन्य कार्यों की निगरानी में इनका उपयोग किया जाय।
अपूर्ण कार्य जो 2018-19से पूर्व के हैं उनके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के साथ वसूली योग्य कार्यो में वसूली का निर्धारण 31 अगस्त तक किया जाना है,सभी पुराने कार्यों की जिओ टैगिंग अनिवार्य होगी जो कि निर्धारित अवधि में की जानी है।।
शत प्रतिशत हो आधार आधारित भुगतान इसके लिए आधार लिंकेज के साथ आधार आधारित भुगतान प्रणाली एबीपीएस के निर्देश अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित हो,सभी कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा को आवश्यक कार्यवाही आगामी माह के पूर्व करने के लिए निर्देशित किया।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए योजनाओं को स्व सहायता समूह की सहायता से क्रियान्वित करने के लिए हर सम्भव पहल की जाएगी।एमडीएम,स्वच्छ भारत मिशन,प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा से जोड़कर लाभान्वित करने की योजना बनाने के निर्देश बैठक में सीईओ जनपद को दिए गए।।

बैठक के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राहुल धोटे ने सीईओ जनपद को निर्देशित किया कि सभी ग्राम पंचायत में समस्त निर्माण योजनाओं की परिसंपत्ति पंजी संधारित की जानी अनिवार्य होगी।जिसमें कार्य का निर्धारित विवरण भरा जाना होगा।निरीक्षण के दौरान इन पंजियों के संधारण का अवलोकन किया जाएगा।।
सीएमहेल्पलाइन का समय सीमा में समुचित निराकरण दर्ज न होने पर लगेगा जुर्माना। लेबल 1 के अधिकारी यदि किसी शिकायत को बिना उत्तर के रहने देते हैं तो ऐसा करने पर प्रति शिकायत 500 रुपये का अर्थदंड देना होगा।।शिकायतकर्ता से बात कर समस्या को जानते हुए तथ्यात्मक प्रतिवेदन शिकायत में दर्ज करना होगा।सन्तुष्टि पूर्वक शिकायत को बंद किये जाने का निर्देश दिया गया।।

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