आदरणीय पाठक बंधु सादर अभिवादन स्वीकार हो। हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे। मेरी पूरी कोशिश होगी कि उनलोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें। आपका सचीन्द्र मिश्र सीधी ................................................... 📱 चेहरे चर्चित चार📱 नेता अफसर - विधिक पत्रकार जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार । .................................................. 👉 ज्ञान सिंह चौहान ✍️ प्रदेश महामंत्री ................................................... आज हम जिक्र करेगे शहर के उस चचित चेहरे की जिसने अपने जीवन काल मे बहुत कम समय मे व्यापार और राजनीति दो अलग अलग धाराओं से जुड़कर फर्श से अर्श तक का सफर तय किया, आमतौर पर ये कहावत है कि व्यापार और राजनीति दोनों एक साथ नही की जा सकती, नही तो दोनों में असफलता ही मिलेगी, पर हम जिस शख्स का जिक्र कर रहे है उसने व्यापार में जिले ही नही संभाग के बड़े व्यापारियों में अपना झंडा बुलंदी से ऊँचाई पर लहरा दिया, और राजनीति में भी काँग्रेस जैसी विश्व स्तरीय पार्टी का प्रदेश महामंत्री बनकर अपना नाम बड़े स्तर के नेताओ में दाखिल कराया। आज के चर्चित चेहरे ज्ञान सिंह चौहान हैं जिनका जन्म 1973 में सीधी के उत्तर करोंदिया में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा इनके गृह जिले में ही हुई, उच्च शिक्षा जिले के शासकीय महाविद्यालय में स्नातक तक हुई। बचपन से ज्ञान को कुछ अलग और बेहतर करने की ललक थी, कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही ज्ञान ने 1992 में अपना व्यापारिक प्रतिष्ठान खोला, और उसी समय राजनीतिक लोंगो से भी संपर्क हुआ, तब ज्ञान ने भाजपा से शुरुआत की और 1992 में भाजपा के युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष बन गए। और 1996 तक इस पद पर बने रहे। पर ज्ञान की मेहनत और प्रतिभा की पहचान कांग्रेसियों को भी हुई और तब ज्ञान को काँग्रेस के नेताओ का साथ ज्यादा मिलने लगा और 1999 में ज्ञान सिंह ने स्व अर्जुन सिंह, स्व इंदजीत कुमार, और अजय सिंह राहुल भैया के विचारों से प्रभावित होकर काँग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली, और उसी समय पार्टी ने ज्ञान सिंह को युवा कांग्रेस का प्रदेश सचिव बना दिया, लेकिन सीधी की राजनीतिक अखाड़े में ज्ञान का नाम 2003 मे अचानक उभर कर सामने आया जब ज्ञान जिले के यूवा काँग्रेस अध्यक्ष बने। युवा अध्यक्ष कार्य करते हुए ज्ञान ने जिले भर में अपनी हर वर्ग की टीम तैयार की। पार्टी भी विपक्ष में थी इस नाते ज्ञान ने आंदोलन कार्यक्रम भी जबरदस्त किये। 2009 तक अध्यक्ष पद पर ज्ञान ने शानदार कार्य किया। उसके बाद 2009 से 2019 तक ज्ञान जिला महामंत्री के पद पर भी रहे। 2019 में पार्टी ने ज्ञान को बड़ा प्रमोशन देते हुए प्रदेश महामंत्री पद पर नियुक्त कर दिया, जो पार्टी संगठन में बहुत बड़ा महत्व वाला पद है। एक साधारण परिवार में जन्मे ज्ञान सिंह की आज राजनीति और व्यापार दोनों एक बड़े मुकाम की ऊँचाई पर है। शहर में उनके कई अलग अलग उत्पादों के बड़े प्रतिष्ठान है जो खुद ज्ञान के नाम से ही संचालित है, लोग कहते है कि ज्ञान वो सिक्का है जिसकी खनक हर बाजार में ऊंची होती है। पिछले 5 वर्ष से ज्ञान पूरे समय राजनीति और जन सेवा में सक्रिय रहते है, पर यहां उनका सितारा उस दिशा में नही जा रहा है जहां ज्ञान और उनके चाहने वालो की उम्मीद है, पर ज्ञान खुद कहते है कि उनको कोई विशेष राजनीतिक पद की लालसा नही है, जन सेवा का भाव है जो सतत रूप से करता रहूंगा, ज्ञान कहते है कि सीधी के आदिवासी अंचलों में आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुच पाती उसके हर दल को समांतर रूप से कार्य करना होगा। स्वयं वो पहले भी स्व इंदजीत कुमार और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के निर्देशन में कार्य किये है और आगे भी करते रहेंगे, और आगे पार्टी जो जिम्मेवारी तय करेगी उस पर हर वक़्त सजग रूप से खड़े रहेंगें । अंत मे बस यही है कि ज्ञान स्वयं में विज्ञान भी है जिन्होंने परिस्थितियों को अपने पक्ष में कर के आगे निकलने का मार्ग हमेशा ढूढ़ लिया है, और उम्मीद है की आगे जो शेष कामना होगी उसके लिए भी ज्ञान के पास कोई रणनीति जरूर होगी। ................................................... 👉 डॉक्टर राघवेंद्र द्विवेदी ✍️ डीएसपी ................................................... आज चर्चित चेहरे में जिक्र एक ऐसे अधिकारी का जिसने हाल ही में पद्दोन्नति प्राप्त कर पुलिस महकमे में कौतूहल बना हुआ है वंहीं आमजनों में खुसिंयों की बयार छाई है , सीधी में उनके प्रमोशन की सबसे ज्यादा जश्न और लोंगो में खुशी दिखी, कारण साफ है उस अधिकारी से जिससे भी संपर्क हुआ, वह उनके सौम्य स्वभाव से प्रभावित हो गया, सीधी सिंगरौली का शायद ही ऐसा कोई थाना हो जहां उन्होंने अपनी बतौर थानेदार सेवा न दी हो। आज जिक्र है नवागत डीएसपी डॉक्टर राघवेन्द्र द्विवेदी का ..जिनका जन्म.1966 में रीवा जिले के ग्राम जमुनिया, हनुमना में हुआ । BSC माडल साइंस कालेज रीवा से पढाई करने के उपरांत श्री द्विवेदी ने सिवील इंजीनियरिंग की पढ़ाई की फिर 2006 में पीएचडी का अवार्ड भी अर्जित कर लिया । रीवा जिले की हनुमाना तहसील के समीप गांव जमुनिया कोठार स्थित परौहा परिवार में जन्मे राघवेंद्र द्विवेदी के पिता वंश रूप प्रसाद द्विवेदी पेशे से शिक्षक थे । शिक्षक के इस बेटे ने 1988 में 21 साल की उम्र में देशभक्ति जनसेवा का बींड़ा उठा लिया सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती होकर आज वह डीएसपी के पद पर पदस्थ हैं परौहा परिवार के इस लाडले ने खाकी के दम पर देशभक्ति जनसेवा के प्रति आज भी कृत संकल्पित हैं । बतौर सब इंस्पेक्टर इनकी पहली पदस्थापना शहडोल जिले में हुई थी एवं वह छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं 1993 के दशक में श्री द्विवेदी सीधी जिले के बहरी , यातायात सीधी के अलावा वर्तमान सिंगरौली जिले के गढ़वा माड़ा बैढ़न विंध्य नगर बरगवां देवसर सहित अन्य थानों में उल्लेखनीय सेवाएं की हैं। वर्ष 1998 में एक बार फिर शहडोल पदस्थ होकर जैसिंहनगर में साढ़े चार साल पदस्थ रहे राघवेंद्र द्विवेदी सतना ,पन्ना , ,सीधी , सिंगरौली, शहडोल , अनूपपुर ,का ऐसा कोई थाना नहीं है जहां उन्होंने अपनी सेवाएं ना दी हो । विंध्य क्षेत्र के अधिकांश थाना क्षेत्रों में पदस्थ होकर उन्होंने देशभक्त जनसेवा करने में कोई कोताही नहीं बरती है। डीएसपी डॉक्टर राघवेंद्र द्विवेदी कि पूरे सेवाकाल के प्रति अगर उल्लेखनीय सेवाओं और सम्मानों की बात की जाए तो अनेकों अनेक उदाहरण हैं जो आज भी मार्मिक हैं 21 साल की उम्र में खाकी धारण करने वाले डीएसपी श्री द्विवेदी बतौर सब-इंस्पेक्टर ट्रेनिंग के दौरान पहला स्थान हासिल किया था । पुलिस विभाग द्वारा इस उपलब्धि के लिए तत्कालीन राज्यपाल कुंवर महमूद अली द्वारा गोल्ड मेडल से इन्हें सम्मानित किया था , पन्ना में बतौर टीआई रहते हुए इन्होंने 8 टिपिकल मर्डर केस का खुलासा किया था वही जयसिंह नगर में दोहरी हत्याकांड का खुलासा डकैती क्षेत्र चित्रकूट इलाके में डकैतों को मात देना और सीधी जिले के अमिलिया थाना की आगजनी कांड में शांति व्यवस्था कायम करना और औद्योगिक नगरी उर्जाधानी सिंगरौली में श्रमिकों और प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित करना जयंत में 80 लाख की लूट का हाल ही में खुलासा करना जैसे इस तरीके के कई उल्लेखनीय योगदान राघवेंद्र की सेवा से जुड़ा हुआ है। डीएसपी डॉक्टर राघवेंद्र द्विवेदी के पारिवारिक सदस्यों की बात की जाऐ तो यह परिवार काफी शिक्षित परिवार है इस परिवार पर पिछले 3 पीढ़ियों से मां सरस्वती का वरदान अनवरत कायम है । तभी तो पिता श्री खुद शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए इतना ही नहीं राघवेंद्र की धर्मपत्नी श्रीमती उषा द्विवेदी खुद पीएचडी हैं और गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल गंगेव की प्राचार्य है, पुत्र पीयूष द्विवेदी यूपी सरकार के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड मैं एसडीओ के पद पर पदस्थ हैं जबकि डॉक्टर प्रत्यूष द्विवेदी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। डीएसपी राघवेंद्र द्विवेदी का कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में काफी रुचि है पुलिस विभाग में सेवारत रहते हुए श्री द्विवेदी आज भी खेती किसानी से दूर नहीं है वह शुरू से ही खेती किसानी के कार्यों में रुचि रखते थे और वह एक अच्छे लैंड लॉर्ड हैं पांच अलग-अलग गांव में वह आज भी तन्मयता के साथ खेती किसानी का कार्य करते हैं । डॉक्टर राघवेंद्र जी आधुनिक पद्धति से खेती करते हैं जिससे वह लाखों की फसल पैदावार करते हैं इतना ही नहीं वह अपने पैतृक ग्राम जमुनिया कोठार में विभिन्न प्रजातियों के फलदार व अन्य पेड़ पौधों का रोपण किया है । पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉक्टर राघवेंद्र द्विवेदी जयसिंह नगर के समीप गुस्तार में किसी एक परिवार को पर्यावरण के क्षेत्र में प्रेरित करके वृक्षारोपण में सहयोग प्रदान किया है डीएसपी श्री द्विवेदी कि इस प्रेरणा से उस क्षेत्र के लोग भी आज उस बगीचे की नकल करके अपने खेतों को हरा-भरा करने में जुटे हुए है। डीएसपी राघवेंद्र द्विवेदी एक अच्छे सामाजिक व्यक्ति भी हैं , सामाजिक ताने-बाने से मुक्त होकर वह अक्सर गरीबों असहाय की मदद करते हैं अक्सर प्रतिवर्ष दर्जनों परिवारों के लिए वह संहायक साबित होते हैं , समूचे विंध्य क्षेत्र में श्री द्विवेदी के प्रति समाज के हर तबके में आज भी आदर व सम्मान है।, निश्चित ही आने वाला कल अच्छे कर्मों के प्रतिफल को अच्छादित करेगा । ................................................... 👉 गिरजेश तिवारी ✍️ एडवोकेट .................................................. चर्चित चेहरे मे आज विधि के क्षेत्र में एक ऐसे प्रतिभा संपन्न युवा अधिवक्ता की बात कर रहा हूँ जिन्होंने वकालत में कुछ विशेष करने की मंशा से कानून की पढाई करके विधि व्यवसाय मे प्रवेश किये है, वह नाम है सीधी जिले के प्रतिष्ठित ब्यौहर परिवार मेडरा ताला मे जन्मे युवा अधिवक्ता गिरजेश तिवारी जी जिनका जन्म 16 अगस्त 1976 में हुआ,इनकी प्रारंभिक शिक्षा मेडरा ताला में हुई तथा इन्होने हायर सेकण्डी की परीक्षा उत्तीर्ण कर संजय गांधी महाविद्यालय सीधी से B.A. की डिग्री हासिल की, इस दौरान पर्यटन के छात्र होने के कारण श्री तिवारी जी ने पर्यटन के विकास के लिए प्रदेश के कई पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण एवं शोध किया था साथ ही NCC के छात्र होने के कारण जीवन में अनुशासन को समझने, सीखने व अमल करने की सीख इन्हें मिली, LLB की डिग्री हासिल कर गिरजेश जी वर्ष 2003 मे जिला न्यायालय सीधी मे सीधी के विख्यात अधिवक्ता श्री चंन्द मोहन गुप्ता जी के जूनियर व संरक्षण में काली कोट धारण कर वकालत का श्रीगणेश किया जो निरंतर इस पेशा मे बढते कदम के साथ उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर हो रहे हैं, श्री तिवारी युवा अधिवक्ताओं में सौम्यता शालीनता एवं स्पष्टवादिता के लिए चर्चित है, विधि व्यवसाय के अलावा आप सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों में बढचढ़ कर हिस्सा लेते हैं बहरहाल श्री तिवारी समाज में सहजता सरलता व बडप्पन के साथ लोगों से मेल जोल बना कर चलने के आदी हैं । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चिंतामणि तिवारी के पारिवारिक सदस्य होने के नाते राजनीतिक दल कांग्रेस की रीति नीति को श्री गिरजेश पसंद करते हैं । ................................................... 👉 आनंद अकेला ✍️ वरिष्ठ पत्रकार ................................................... जिले के एक सौम्य पत्रकार आनंद अकेला का जन्म वर्ष 1971 में सीधी जिले के मझौली तहसील में हुआ, किशोरावस्था में घर का माहौल आध्यात्मिक होने के कारण ये सीधी में स्थापित अखिल विश्व गायत्री परिवार से जुड़ गए । अध्ययन के साथ-साथ आध्यात्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेते रहे। वर्ष 1981 में सीधी में अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का आगमन हुआ। उनके आध्यात्मिक जीवनशैली से प्रभावित होकर वर्ष 1987में शांतिकुंज में वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी से गयत्री मन्त्र की गुरुदीक्षा ली। इसके पश्चात् उन्होंने ही प्रेरणा दी तो मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् गयत्री तपोभूमि मथुरा में संचालित विद्यालय में आगे का शिक्षण कार्य किया। इस दौरान अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा संचालित कई पत्रिकाओं के लिए अध्यापन के दौरान सेवा देने का अवसर मिला। यही से रुचि पत्रकारिता की तरफ होने लगी। इस दौरान अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा संचालित पत्रिका युग निर्माण योजना एवं पाक्षिक समाचार पत्र प्रज्ञा अभियान के लिए लेखों का संयोजन करना तथा उसके मुद्रण व प्रकाशन से लेकर उसके भेजने तक के क्रियाकलापों में संलग्न रहे। गायत्री परिवार द्वारा संचालित ये सभी समाचार पत्र पर पत्रिकाएं आध्यात्मिक कलेवर की रही। जो रुचि के अनुसार थी। अध्यापन की इस अवधि की दौरान छुट्टियों का समय गायत्री परिवार द्वारा संचालित योजनाओं में शिरकत किया। इस दौरान देशभर में आयोजित कई अश्वमेघ यज्ञों में पूरी सक्रियता के साथ काम किया। वर्ष 1996 तक कई बार समयदान किया। गायत्री परिवार में ज्यादा समय यहां के समाचार पत्रों के प्रकाशन में गुजरा अतः इस क्षेत्र में विशेष रुचि रही। फलतः वर्ष 1989-90 से सीधी में सर्वप्रथम दैनिक देशबंधु समाचार पत्र से मित्र संतोष दहिया, पवन तिवारी जी से जुड़कर स्थानीय पत्रकारिता में कदम रखे। इस दौरान रीवा से अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एकवर्षीय डिप्लोमा का कोर्स किया । वर्ष 2000 से सीधी जिले में आकर यहां से नियमित रूप से पत्रकारिता से जुड़ाव हो गया। इस दौरान यहां से प्रकाशित कई समाचार पत्रों के लिए कार्य किया। इस दौरान सीधी जिले के प्रतिष्ठित पत्रकार और वर्तमान में भोपाल में कई बड़े समाचार ग्रुप के संपादक रहे संदीप सिंह गहरवार के साथ मुलाकात हुई। उनके साथ ही जिले में आगे की पत्रकारिता का सफर बढ़ा। प्रिंट मीडिया के साथ कुछ समय इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए काम किया। जिसमें प्रमुख रूप से टाइम टी वी न्यूज चैनल पर कुछ वर्षों तक कार्य किया। इसी दौरान सीधी में प्रकाशित समाचार पत्र स्वप्न सुधा की विशेष जिम्मेदारी मिली। इस दौरान विशेष शाखा के अरुण मिश्रा जी से मुलाकात हुई। उनसे खुफिया पत्रकारिता की कई विधाएं सीखी। इस दौरान शहडोल से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र दैनिक भारती के ब्यूरो हेड के रूप में काम किया। प्रिंट में रुचि होने के कारण सीधी जिले से वर्ष 2010 में साप्ताहिक समाचार पत्र नवयुग स्वागत के संपादन का कार्य प्रारंभ किया जो अनवरत रूप से चालू है। समाचार पत्र का प्रकाशन भोपाल से शुरू हुआ, जिसके संपादन की जिम्मेवारी भी कंधों पर दी गई। सकारात्मक पत्रकारिता में रुचि होने के कारण प्रदेश सरकार के लिए काफी समय तक लाभार्थी हितग्राहियों जिले की सफलता की कहानी स्तंभ में पूरी सक्रियता के साथ काम किया। इसी अवधि में विशेष शाखा से विनोद सिंह भदौरिया जी और शशांक शेखर सिंह के साथ मार्गदर्शन में जिले की कई खोजपरक खबरों को लेकर साथ रहे। वर्ष 2018 में दिल्ली से संचालित नेशनल फ्रंटियर वेबसाइट के लिए स्थानीय एवं प्रदेश स्तर के समाचारों की विशेष रिपोर्टिंग में सहयोग देते आ रहे हैं। परिवार में पत्नी शशि है जिनका जुड़ाव भी पत्रकारिता से हैं। इसके साथ ही दो पुत्र हैं जो इस समय अध्यापन कर रहे हैं। ज्येष्ठ पुत्र क्षितिज वर्तमान में पालिटेक्निक सीधी का छात्र है, जबकि लघु पुत्र अंबर कक्षा छटवीं के छात्र है। पूरा ही परिवार आध्यात्मिक जीवनशैली को अपनाने वाला परिवार है। गायत्री शक्तिपीठ एवं अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक आय़ोजनों में परिवार की पूरी सहभागिता रहती है। ऐनकेन प्रकारेण आनंद पत्रकार कम वल्कि सामाजिक गतिविधियों में ज्यादा आनांदित रहते हैं ।