सीधी ( ईन्यूज एमपी) पूर्व मंत्री एंव सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि बिजली की अघोषित कटौती अमानवीय है। एक और प्रदेश सरकार सर प्लस बिजली का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर कोरोना से पीड़ित जनसामान्य की बिजली को काटकर परेशान करने तो कार्य कर रही है। विधायक एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने बताया की सिहावल विधानसभा क्षेत्र सहित सीधी जिलें में पिछले 3 महीने से अघोषित विद्युत कटौती एवं बड़े हुए मनमाने तरीके के बिल दिए जा रहे हैं। जनता को विद्युत बिल से करंट लग रहा है। श्री पटेल ने कहा है कि शासन के स्पष्ट आदेश निर्देश है कि 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए करोड़ों रुपए खर्च करके फीडर सेपरेशन कर विद्युत पंप कनेक्शनों को अलग कर चुके हैं ऐसी स्थिति में घरेलू फीडर की सिंगल फेसिंग से घरेलू उपभोक्ताओं को अघोषित विद्युत कटौती का सामना करना पड़ रहा है जो की पूरी तरह उचित नहीं है। श्री पटेल ने कहा कि विद्युत समस्याओं के संबंध में गत 31 मई को सीधी में कलेक्टर कार्यालय के सामने,बाबा साहब अंबेडकर जी की मूर्ति के पास नौतपा में 5 घंटे का धरना देकर अनशन किया था। संबंधित अधिकारी गणों एवं जिला प्रशासन को इस गंभीर समस्या के संबंध में बताया गया,किंतु खेद है कि विद्युत की समस्या सुधारने की बजाए और बिगाड़ दी गई है। उन्होंने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा बिना सूचना के अनेकों ग्रामों की बिजली बंद कर दी गई ग्रामीणजन अंधेरे में रहने को विवश हो रहे हैं। श्री पटेल ने बताया की कोरोना काल में अनेको जाने काल कवलित हो गई, किसान एवं आमजन की स्थिति दयनीय हो गई।विद्युत ट्रांसफार्मर बदलने की नीति अनुसार 10% राशि जमा करने के उपरांत भी महीनों से जले हुए ट्रांसफार्मर नहीं बदल कर वहां के पूरे ग्राम की बिजली काटी रही है जो कि अमानवीय है। विधायक श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 24 घंटे घरेलू एवं 10 घंटे का कृषि कार्य के लिए बिजली उपलब्ध कराने आदेश है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार 24 घंटे में से औसतन 4 से 5 घंटे ही विद्युत प्रदाय कर रही है। श्री पटेल ने बताया कि जले हुए ट्रांसफार्मर की संख्या सिहावल विधानसभा क्षेत्र में ही 27 है, जिसकी सूची संलग्न है। सीधी जिले में सैकड़ों की संख्या में है। इन्हें समय सीमा में नहीं बदलने से जन जीवन प्रभावित हो रहा है। जर्जर केवल विद्युत व्यवस्था प्रभावित हो रही है, जन एवं पशुधन की हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि लो वोल्टेज अधिकांश समय होने से उपभोक्ताओं के घरेलू विद्युत उपकरण की हानि हो रही है, लो वोल्टेज की समस्या का निराकरन किया जाना चाहिए। श्री पटेल ने कहां की विद्युत वितरण कंपनी उपभोक्ताओं को बिल बड़ा कर दे रहे हैं वहीं बिजली मिल नहीं रही है। आमजन किसानों की आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी के चलते दयनीय हो गई है ऐसे में भी विद्युत मंडल वसूली के नाम पर अनेको ग्रामों की बिजली बिना सूचना के काटकर विभक्त कर रही हैं, ऐसे में जिन उपभोक्ताओं ने बिजली का बिल जमा कर दिया है उन्हें भी अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है जो घोर लापरवाही व अनैतिक है। श्री पटेल ने बताया कि जनहित में दिनांक 31.5. 21 को सीधी में विद्युत समस्या के लिए किए गए धरना अनशन की समस्याओं को दूर नहीं कर मेरे विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया । एक और सरकार कह रही है की विद्युत का सर प्लस उत्पादन है।वही कोरोना महामारी के चलते किसानों, गरीबों,मजदूरों को बिजली नहीं देकर प्रताड़ित कर रही है। यह प्रदेश सरकार की कथनी और करनी भिन्न होने को दर्शाता है। श्री पटेल ने आगे कहा जनता के प्रतिनिधि होने के नाते मेरा नैतिक दायित्व है की जनता के दुःख को दूर करने का हर संभव प्रयास करूँ। दिनांक 31 मई 21 को धरना स्थल पर अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली जी एवं विद्युत मंडल के अधिकारियों ने आश्वस्त किया था शीघ्र ही विद्युत की समस्याओं को दूर किया जाएगा। विद्युत समस्या पहले के मुकाबले और विकराल हो गई है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा बार-बार लिखित एवं मौखिक रूप से निवेदन करने के उपरांत भी विद्युत की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। दो दिवस में सभी ग्रामों की विभक्त की गई बिजली को पुनः नहीं जोड़ा एवं जले हुए ट्रांसफार्मर को नहीं बदला गया तो दिनांक 2 जुलाई 21 को अधीक्षण यंत्री मप्र विद्युत मंडल, सीधी कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना एवं प्रदर्शन किया जाएगा । इसका समस्त उत्तरदायित्व शासन एवं प्रशासन का होगा।