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सीधी का दमदार टीआई कांग्रेस और भाजपा भाई भाई .....?

सीधी (ईन्यूज एमपी)- राजनीति कि बिसात पर कौन सा मोहरा किसका है यह पहचान पाना मुश्किल है,कौन कहां और किसके दम पर है ये भी कह पाना कठिन है और कभी कभी खुद को सर्वस्व समझने वाले सामने वाले कि पकड़ का सही अंदाजा नहीं लगा पाते हैं और शायद यही कारण है कि सोच-समझ कर कि गई बदली महज दो लाइनों में बिना काम किए हों जाती है।

जी हां नवागत पुलिस अधीक्षक के द्वारा हाल ही में निरिक्षको व उप निरीक्षक के किए गए तबादले के 24 घंटों बाद हि कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी को उम्मीद न थी,और जिसे बेसहारा समझ कर वनांचल में भेजा गया वह जाने से पहले ही जिले को अलविदा कह गया।

जी हां हम बात कर रहे हैं सीधी टीआई रहे शेषमणि पटेल की जिन्होंने चौबिस घंटों के भीतर अपनों के दम पर दिखा दिया कि हम किसी से कम नही ....? कांग्रेस हो या भाजपा सब भाई है , यंहा भी और वंहा भी एक ही राशि के लोगों का सम्राज्य है ....?

सत्ता परिवर्तन के साथ ही कर्मचारियों कि अदला बदली का क्रम स्वाभाविक है लेकिन जब कभी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों में मतभेद हो जाता है तो शायद अधिकारी ये भूल जाते है कि कर्मचारी दल के दायरे में नहीं आता दल कोई भी हो दल - दल होता है , लेकिन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करना समानता कायम न रखना एक अधिकारी के लिये उपउक्त नही है,और जनप्रतिनिधियों को भी ये ध्यान नहीं रहता कि दल से से बढ़कर सामुदायिक राजनीति होती है दल चाहे जो भी हो, शायद इस बात को स्थानीय दिग्गजो व वरिष्ठ अधिकारियों ने नजर अंदाज कर दिया था और इसी का नतीजा है कि जिले के आदेश पर राजधानी का आदेश भारी पड़ गया और जिन्हें वनांचल भेजने कि तैयारी थी वो महज 24 घंटों में ही अपनों के बीच पहुंच गए।

अंत में यही कहेंगें कि दिन में भाजपा - रात में कांग्रेस ...? नाम के आगे राशि अगर एक है तो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक ही राशि पर अपनी शिखा को बुलंद रखना है .... और हुआ भी यही कारण कि भाजपा के शीर्ष नेताओं को यह नही पता कि कौन अपना है कौन पराया ।

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