सीधी (ईन्यूज एमपी)- जिले के आदिवासी विकास विभाग में एक बार फिर चिल्ल पो मच गई है और कर्मचारियों का समूह अपने अधिकारी के विरोध में उतर आया है और यहीं नहीं कर्मचारियों ने अपने संगठन के माध्यम से कलेक्टर साहब के पास फरियाद पहुंचाई है कि साहब दुहाई है...? जी हां करीब पांच वर्ष पूर्व जिस तरह सीधी का आदिवासी कल्याण विभाग चर्चा में था ठीक उसी राह पर फिर से चल पड़ा है।बता दें कि आज नवागत एसी ट्रायवल आनंद मिश्रा के खिलाफ उनके कर्मचारी लामबंद होकर कर्मचारी नेता डीएन तिवारी के नेतृत्व में जिला कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी के पास ज्ञापन देने पहुंचे जहां उन्होंने नवागत एसी ट्रायवल द्वारा कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि आदिवासी विकास में पदस्थ लेखापाल योगपाल चौधरी समेत करीब 18 कर्मचारियों ने नवागत एसी ट्रायवल आनंद मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है,जिसमें बताया गया है कि नवागत एसी ट्रायवल द्वारा कर्मचारियों को बेवजह प्रताड़ित किया जाता है,नियम विरुद्ध कार्य करने का दबाव बनाया जाता है,पुराने अधिकारियों के कार्यकाल में हुए कार्यो में कमी निकालते हुए कर्मचारियों को धमकाया जाता है, कार्यालयीन दस्तावेजों कि हेर फेर कि जाती है व कर्मचारियों पर जबरन पुर्व के कार्यों कि नस्ति तैयार कर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जाता है,इतना ही नहीं कार्यालय के समय को दरकिनार कर देर से आकर बेवजह देर तक कर्मचारियों को कार्यालय में रोका जाता है वह बात न मानने पर कर्मचारियों को निलंबित करने की धमकी दी जाती है,नवागत एसी ट्रायवल की इस दादागिरी से कर्मचारी भय में है । आदिवासी विकास के लामबंद कर्मचारियों व नवागत एसी ट्रायवल के व्यवहार और कार्यप्रणाली ने कुछ पुरानी यादों को ताजा कर दिया है,था कोई पहले भी जो मनमानी व दादागिरी से काम लेने का आदि था,और अपने आदेश को ही सर्वश्रेष्ठ मानता था, कर्मचारियों को दबाकर राज करना चाहता था लेकिन इतिहास में भी रहा है कि जो काम प्रेम से लिया जा सकता है वह दादागिरी से तो कतई नहीं,और हालात अगर यूंही रहे तो कहीं फिर आदिवासी विकास विभाग में भगदड़ न मच जाए और मामला दफ्तर से थाने में पहुंच जाए...?