सीधी (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा मंडी को लेकर लागू किए गए मॉडल एक्ट का पूरे प्रदेश के मंडी द्वारा भारी विरोध किया जा रहा है। इस कानून के लागू होते ही पूरे प्रदेश के मंडी कर्मचारीयों ने इस कानून का विरोध करना शुरू कर दिया है क्योंकि इस काले कानून से ना तो किसानों का हित होगा और ना व्यापारियों का और ना ही मंडी कर्मचारीयों का । इस कानून से कर्मचारी बिना वेतन भत्ते के ही जीवन गुजारने को मजबूर हो जाएंगे । यह कानून मंडी से संबंधित सभी के लिए नुकसानदायक है और इसी कानून को लेकर विगत दिनों मंडी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को जिला कलेक्टर , प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक के समक्ष ज्ञापन सौंपा था । इस काले कानून को वापस लेने के लिए मंडी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर भी सांकेतिक विरोध दर्ज कराते हुए कार्य किया परंतु जब सरकार ने इस काले कानून को हटाने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाया तो मजबूर होकर प्रदेश भर के मंडी कर्मचारियों व्यापारियों हम्माल तुलावटियों ने मंडी ने आज दिनांक 6 जून को पूरे प्रदेश में काले कानून के विरोध में काले कपड़े पहनकर हाथों में काली पट्टी बांधकर इसका पुरजोर विरोध किया है इसी तारतम में 6 जून को श्री कृषि उपज मंडी कार्यालय में भी अधिकारियों कर्मचारियों ने काले कानून के विरोध में काले कपड़े पहनकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस काले कानून को तत्काल वापस लेने की मांग की, कर्मचारियों का कहना है कि इस काले कानून की वजह से आने वाले दिनों में उनको वेतन भत्तों के लाले पड़ जाएंगे और उनकी पेंशन भी नहीं मिलेगी इससे उनके काफी नुकसान होगा और जो व्यवस्था है किसानों के हित की वह भी चौपट हो जाएगी, इस प्रदर्शन में कृषि उपज मंडी समिति सीधी के सचिव श्री उमाशंकर अग्निहोत्री , मंडी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री टी पी सिंह , कोषाध्यक्ष -बालेन्दु तिवारी, उपाध्यक्ष- श्री अजय शुक्ला,श्री पवनसुत दुबे, श्री राणा सिंह आदि कर्मचारी उपस्थित थे