पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):-देश में आये निसर्ग नामक चक्रवर्ती तूफान का असर गत गुरुवार को जिले के मझौली जनपद पंचायत अन्तर्गत ग्राम पंचायत महखोर, टिकरी और भुमका में भी देखने को मिला है। जहां शायं तकरीबन 7 बजे आये इस तूफान ने ऐसी तबाही मचाई की लोगों के कच्चे मकानों के छानी छप्पर उड़ गये, लोगों के घरों में पेड़ गिर गये, पूरे गांव के बिजली के आधा सैकड़ा से ज्यादा खंभे टूट गये, यहां तक की पक्की दीवारें भी ध्वस्त हो गई और मवेशी उड़कर कुयें में चले गये। यह तूफान महज पांच मिनट में तकरीबन आधा किलोमीटर की चौड़ाई में निकलते हुए लगभग डेढ़ सैकड़ा से ज्यादा घरों की बस्ती को हिलाकर रख दिया है। पेड़ों की मोटी डालियां टूटकर काफी दूर तक चली गई है। पूरे गांव के आम, जामुन, कटहल, नीम, बांस आदि के पोधे इस कदर टूटे हैं जैसे किसी ने पौधों को मरोड़ दिया हो। घरों में लगी टीन और सीमेंट की सीटें ऐसी उड़ी की ढूंढें से भी नहीं मिल रही हैं। बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि शाम तकरीबन सात बजे रेलवे लाइन के किनारे से उठी तूफानी हवाएं चारों तरफ घूम रही थी साथ ही पानी और आग की लपटे उठ रही थी। ऐसा लगता था जैसे पानी के साथ आग भी बरस रही हो। ग्रामीणों ने बताया कि सभी लोग एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए थे ता की हवा के झोंके से उड़ न जांय। घरों के ऊपर पेड़ गिर जाने से लोग घर के अन्दर फंस गये। चारों तरफ हाहाकार मच गया और यह तूफान गांव के बीच से आधा किलोमीटर की चौड़ाई में निकलते हुए उत्तर दिशा में भूमका टिकरी तरफ चला गया। और इन गांवों भी तूफान ने तबाही मचाई है। हालांकि सबसे ज्यादा असर महखोर में ही देखने को मिला है जहां ग्रामीणों का ज्यादा नुकसान हुआ है। भुमका और टिकरी में पहुंचने तक इस तूफान का असर कुछ कम देखने को मिला है। इस तबाही के बीच कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबर तो नहीं मिली है। किन्तु ग्रामीणों के गृहस्ती सहित मकानों तथा पेड़ पौधों का काफी नुक़सान हुआ हैं। यहां तक कि रुक-रुककर हो रही बारिश में लोगों को सिर छिपाने की जगह नहीं है। और खाद्यय सामग्री भी दब गई है। घर में खड़े वाहन छतिग्रस्त हो गये हैं। शाम होने के कारण पहले तो लोगों को महज अपना ही नुकसान समझ में आया किन्तु सुबह होते ही पूरे गांव का मंजर देखकर अफरा तफरी मच गई। क्षेत्र अन्तर्गत रुक रुककर बारिश का दौर चालू है। जिसके कारण ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासनिक अमला हुआ सक्रिय:- सुबह होते ही शुक्रवार को उक्त घटना की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया और जहां नायब तहसीलदार मड़वास शन्तोष मेश्राम और चौकी प्रभारी मड़वास खुमान सिंह ने घटनास्थल पर पहुंच कर मौका मुआयना करते हुए पहले तो पेड़ पौधे हटाकर आवागमन बहाल किया गया तत्पश्चात पटवारियों की टीम गठित कर ग्रामीणों के हुए नुकसान का आकलन करने हेतु निर्देशित किया गया। वहीं मड़वास जेई राजेन्द्र सिंह राजपूत द्वारा विद्युतीकरण का निरिक्षण करते हुए बिजली के पोल मंगवाकर तत्काल काम शुरू कर दिया गया है। घटनास्थल पर पहुंचे अनुविभागीय अधिकारी मझौली एके सिंह ने सभी ग्रामीणों सहित कर्मचारियों को इस विपदा की घड़ी में सहानुभूति बनाकर कर्त्तव्य निष्ठा के साथ काम करने और सभी पीड़ितों के हुए नुकसान का सही आकलन करने हेतु निर्देशित किया है। उन्होंने ग्राम पंचायत से जरुरतमंद ग्रामीणों तिपाल (पन्नी) दिलाने का मौखिक आदेश भी दिया है। जिससे लोगों को छाया मिल सके और अनाज भीगने से बचाया जा सके। नहीं हुई जनहानि:- इसे एक अच्छा संयोग ही कहा जा सकता है कि तूफान के इस तांडव में किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है। लोगों का मानना है कि यह तूफान यदि दिन में आता तो इस तबाही के साथ जनहानि भी हो सकती थी। लेकिन जब तूफान आया तो लोग अपने घरों में अथवा आसपास ही थे। जिसके कारण जनहानि नहीं हो पायी है। महज एक बैल ही उड़कर कुंयें में गिरने से मौत हुई है। शेष गांव के सभी लोग सुरक्षित है।