सीधी (ईन्यूज एमपी)- कमिश्नर रीवा अशोक भार्गव ने सीधी कलेक्टर, डीएफओ व सीईओ को अलर्ट जारी कर टिड्डी दल से सावधान रहने के आदेश जारी किए हैं,व इनके रोकथाम के लिए प्रर्याप्त उपाय कि सलाह दी है। कमिश्नर रीवा ने कहा है कि टिड्डी दल राजस्थान सीमा से मध्यप्रदेश के पश्चिमी भाग में प्रवेश कर प्रदेश के विभिन्न जिलों को पार करते हुए मध्य से पूर्व की ओर बढ़ रहा है। टिड्डों के कई दल विभिन्न दिशाओं में हवा के बहाव के साथ उड़ रहे हैं। इन दलों के रीवा संभाग के रीवा, सीधी, सतना एवं सिंगरौली जिलों की ओर बढ़ने की संभावना है। रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने संभागान्तर्गत जिलों के कलेक्टर्स को टिड्डी दल के नियंत्रण के संबंध में समुचित उपाय किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कलेक्टर्स सहित जिला पंचायत के सीईओ एवं वनमण्डलाधिकारियों से कहा है कि एक टिड्डी दल का आकार डेढ़ से दो किलोमीटर लंबा तथा चार से पांच किलोमीटर चौड़ा होता है। टिड्डी दल समूह में रात्रि के समय खेतों में रूककर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं तथा जमीन में 500 से 1500 प्रति मादा के बीच टिड्डी अंडे देकर सुबह उड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं। टिड्डी के दल में लाखों की संख्या में टिड्डियां होती हैं जो पेड़, पौधे व वनस्पतियों को खाकर आगे बढ़ जाती हैं। यह प्रतिदिन अपने शरीर के वजन के बराबर वनस्पतियां खाती हैं। यह दल सात से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवा की दिशा में आगे बढ़ता है तथा एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है। डॉ. भार्गव ने निर्देश दिये हैं कि टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए स्थानीय प्रशासन, कृषि वैज्ञानिक सहित कृषि, वन एवं अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों के टिड्डी नियंत्रण दल गठित कर ग्राम एवं नगरीय क्षेत्रों में नियंत्रण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करायें तथा ग्राम पंचायतों में टिड्डी दल नियंत्रण की मुनादी कराई जाये। इस कीट की सतत निगरानी रखने तथा इसकी पहचान एवं जानकारी के लिए स्थानीय स्तर पर दल बनाकर लगातार निगरानी रखने के निर्देश कमिश्नर डॉ. भार्गव द्वारा दिये गये हैं। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि टिड्डी दल के आते ही किसान भाई टोली बनाकर ढोल, डीजे, थाली, टीन के डिब्बे बजाकर या ट्रैक्टर के सायलेंसर निकालकर ट्रैक्टर को चलाते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर अपने क्षेत्र से टिड्डी दल को भगायें तथा उन्हें किसी भी दशा में बैठने न दें। यदि शाम के समय टिड्डी दल का प्रकोप हो गया हो तो टिड्डी दल के विश्राम की अवस्था में सुबह तीन से सात बजे के बीच ट्रेक्टर चलित पावर स्प्रेयर से कीटनाशक क्लोरोपायरीफास 20 ईसी 1200 मिली लीटर या लेम्डासायलोहेथ्रिन 5 ईसी 400 मिली लीटर या डाईफ्लूबेंजूरान 25 डब्ल्यूपी 120 ग्राम या डेल्टामेथ्रिन 2.8 प्रतिशत ईसी 625 मिली लीटर या मेलाथियान 25 प्रतिशत ईसी 1850 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 मिली लीटर पानी में मिलाकर टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव कर उन्हें मार दें। वृक्षों पर बैठे हुए टिड्डी दल को मारने के लिए नगर क्षेत्र में उपलब्ध फायर ब्रिगेड से इन कीटनाशकों के घोल का छिड़काव करें अथवा फेनबैलरिट 0.4 प्रतिशत पाउडर या क्यूनालफास 5 प्रतिशत पाउडर 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से पावर डस्टर से भुरकाव करें। टिड्डी दल के आक्रमण हो जाने के समय कीटनाशक उपलब्ध न होने पर ट्रैक्टर चलित फायर स्प्रेयर अथवा फायर ब्रिगेड से तेज पानी की बौछार से भी टिड्डी दल को भगाया जा सकता है।