सीधी (ईन्यूज एमपी)-कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत गजरी एवं सिलवार का भ्रमण कर ग्रामवासियों से चर्चा की तथा उन्हें महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत निजी खेत में फलोद्यान परियोजना के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना महामारी के संकट का डट कर मुकाबला कर रहा है। कई जगहों में रोजगार के अवसर बंद हो गए हैं, तो बड़ी संख्या में श्रमिक अपने घरों पर वापस आ रहे हैं और उन्हें भी गाँव में ही रोजगार की आवश्यकता होगी। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि निजी खेत में फलोद्यान परियोजना उद्यानिकी को लाभ का धंधा बनाने का अवसर प्रदान करता है। इस परियोजना में कृषकों को तीन वर्ष तक महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान किया जाएगा, जो उनकी आजीविका का साधन बनेगा। तीन वर्ष उपरांत कृषकों को फलों के उत्पादन से लाभ प्राप्त होने लगेगा और वह उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनायेगा। कलेक्टर श्री चौधरी ने उपस्थित कृषकों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपने प्रशासनिक अनुभवों को साझा करते हुए कृषकों को मालवाक्षेत्र के कृषकों के विषय में बताया कि वो किस प्रकार उद्यानिकी फसलों को अपना कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उद्यमशीलता से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। सरकार की इस योजना का लाभ लेने का यह एकदम सही समय है। कृषक अपने खेतों में ही काम करके अपने भविष्य को सँवार सकते हैं और उद्यानिकी फसलों से लाभ कमा सकते हैं। कलेक्टर श्री चौधरी ने बताया कि कम उपजाऊ जमीन पर भी उद्यानिकी फसलों से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजातिध् अनुसूचित जाति/घुमंतु जनजाति, अन्य बीपीएल परिवार, ऐसे परिवार जिनकी मुखिया महिला या विकलांग हो, भूमि सुधार के लाभार्थी परिवार, इंदिरा आवास योजना के हितग्राही, लघु एवं सीमांत कृषकों को लिया जा सकता है। ऐसे खेतों का चयन किया जाना है, जो खेती के लिए उपयुक्त नहीं हैं तथा सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि कपिल धारा कूप, खेत तालाब आदि कि व्यवस्था महात्मा गांधी नरेगा से की जा सकेगी। यह परियोजना 3 वर्षों के लिए होगी जिसमें प्रथम वर्ष में 317 दिवस, द्वितीय वर्ष में 159 दिवस तथा तृतीय वर्ष में 92 मानव दिवस तक की मजदूरी का प्रावधान किया गया है। एक एकड़ में लगभग 400 तक कलमी फलदार पौधे लगाए जा सकेंगे। नरेगा सामग्री मद में प्रथम वर्ष 33296 रुपए, द्वितीय वर्ष 16739 रुपए तथा तृतीय वर्ष में 13469 रुपए का प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर उपस्थित उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ने बताया कि फलदार वृक्षों का उत्पादन प्राप्त करने के पूर्व बचे हुए स्थान पर मिर्च, अदरक, हल्दी एवं आलू का उत्पादन कर लाखों का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उत्पादन की बिक्री के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। ग्रामवासियों में उक्त योजना को लेकर उत्साह दिखा है। कलेक्टर श्री चौधरी ने ग्रामवासियों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी सतर्कता एवं सावधानी रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम एवं बचाव के लिए वे अपने घरों पर ही रहें। केवल अत्यावश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें तथा इस दौरान भी विशेष सतर्कता और सावधानी रखें। घर से निकलने पर मास्क अनिवार्य रूप से लगा कर रखें। नियमित अंतराल में अपने हाथ को साबुन से धोते रहें। उन्होंने कहा गाँव के जो व्यक्तिध्श्रमिक बाहर से आ रहे हैं, वो 14 दिनों तक अपने घरों में रहें, किसी से भी मिले नहीं और शारीरिक दूरी बनाकर रखें। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि कोविड-19 के लक्षणों का खुलासा न करना आपके और आपके परिवार के लिये खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे व्यक्ति जिन्हें बुखार, सर्दी, खांसी, साँस लेने में तकलीफ हो तो इसकी जानकारी तत्काल जिला स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 07822-297521 या 07822-250123 पर उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि सभी की सक्रिय सहभागिता से जिले में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। सभी शासन/प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें, स्वयं सुरक्षित रहें और अन्य लोगों को भी सुरक्षित रखें। भ्रमण के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ए. बी. सिंह, उपखण्ड अधिकारी मझौली ए. के. सिंह, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा हिमांशु तिवारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डॉ. रजनीश तिवारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।