नई दिल्ली (ईन्यूज एमपी)- लॉकडाउन के दौरान एक नहीं तीन-तीन गांवों के लोगों के बैंक अकाउंट में अचानक से लाखों में रकम आने लगी. किसी के अकाउंट में 2 लाख आए तो किसी के में 5 लाख रुपये. अचानक से इतनी बड़ी रकम के बारे में सुनकर पहले तो लोग चौंके, लेकिन बाद में डर गए कि कहीं किसी बवाल में न फंस जाएं. यही सोचकर भरतपुर, राजस्थान (Rajasthan) के चिकसाना समेत दो अन्य गांवों के लिए यह लोग थाने पहुंच गए. इंस्पेक्टर को अपनी आपबीती बताई. दिल्ली पुलिस में तैनात एक सब इंस्पेक्टर और एक हैड कांस्टेबल का परिवार भी पीड़ितों की लाइन में है. चिकसाना थाने की पुलिस इसे साइबर फ्रॉड से जोड़कर देख रही है. पीड़ितों ने पुलिस को बताई यह कहानी पीड़ितों ने पुलिस को जो कहानी बताई उसके मुताबिक नूरपुर गांव का रहने वाला संदीप उनके पास आया था. बोला मेरे एक दोस्त की बहिन की शादी है. दोस्त ने नेवी में नौकरी लगवाने के लिए किसी को 10 लाख रुपए दिए हुए हैं. नौकरी लगी नहीं तो अब शादी के लिए वो रुपए वापस लेने हैं. लॉकडाउन के चलते कैश नहीं ले सकते तो दो-तीन खातों में रकम डलवानी है. इसके लिए संदीप ने गांव वालों से उनके एटीएम कार्ड ले लिए. संदीप ने यह कहानी चिकसाना समेत एक और गांव में सुनाई. सूत्रों की मानें तो इस तरह करीब 54 लोगों के एटीएम कार्ड संदीप ले गया. इसके बाद अकाउंट में रुपये आने लगे और निकलते भी रहे. मोबाइल में रुपये आने का मैसेज देखकर ही गांव वाले डर गए.इसलिए पुलिस मान रही है साइबर फ्रॉड का केस चिकसाना पुलिस का मानना है कि साइबर फ्रॉड बड़ी संख्या में अलग-अलग बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे फ्रॉड किसी एक अकाउंट में कभी भी फ्रॉड की रकम को ट्रांसफर नहीं करते हैं. छोटा-छोटा अमाउंट कई खातों में डालते हैं. इसीलिए जिस तरह से तीन गांव वालों के खाते में रकम आई है उससे तो यही लग रहा है. बाकी पूरे मामले की जांच की जा रही है. संदीप फरार चल रहा है. पुलिस और गांव वाले उसकी तलाश कर रहे हैं.