सीधी (ईन्यूज एमपी) जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर आयोजित की जाने वाली समन्वय बैठक हेतु कुुछ चिन्हित लोगों को ही आमंत्रित किया जाता है, समाजसेवी की चादर ओढे भले ही ऐसे लोग स्वयं अवैध कारोबार में ही क्यों न लिप्त होें। जो वास्तव में समर्पित भाव से हमेशा काम करते रहते हैं, ऐसे लोग समाजसेवी की श्रेणी में नहीं आतें। प्रशासन की नजर में ऐसे लोग समाजसेवी की नजर में आते हैं, जो उनके सामने बैठकर लम्बी-लम्बी ढींगे हांकतेे हैं, दूसरों के द्वारा की गई मदद में स्वयं फोटो खिचवाकर समाजसेवी बनने का प्रयास करते हैं। ऐसे में उन लोगों को यह लगता है कि मैदानी क्षेत्र में काम हम लोग करते हैं, लेेकिन बैठक में नेतागीरी झाडने दूसरे लोग पहुंच जाते हैं। प्रशासन के पास कोई ऐसी सूची से समाजसेवियों की गाईडलाईन नहीं है जिसके आधार पर वह बैठक बुलाये। वर्तमान समय में कोरोना जैसे महामारी में लोगों की मदद कर रहे समाजसेवी प्रशासन को नहीं दिखते, दिखते हैं केवल फोटो खिचवाने वाले समाजसेवी ...?