सीधी (ईन्यूज एमपी)-टोंको-रोंको- ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने लाँक डाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे सीधी जिले के मजदूरों की घर वापसी हेतु राज्यवार तय जिले में नोडल अधिकारियों द्वारा बरती जा रही संवेदनहीनता की निंदा करते हुए कलेक्टर सीधी से मांग की है कि असंवेदनशील नोडल अधिकारियों की जवाबदेही का सख्ती से पालन कराएं जिससे फंसे मजदूरों की घर वापसी संभव हो सके। श्री तिवारी ने कहा है कि लाँक डाउन करने में सरकार की दूरगामी सोच बिल्कुल नहीं थी यदि दूरगामी सोच होती तो सरकार उद्योगपतियों से राय कर विचार करती की तालाबंदी के दौरान मजदूरों के रहने और खाने की व्यवस्था कर पाएंगे कि नहीं यदि नहीं तो सरकार को पहले मजदूरों को घर पहुंचा देना था। रात में लाँक डाउन कर दिया, उद्योगों में ताला लग गया, गरीब मजदूरों को सड़कों में अपने हाल में मरने के लिए मजबूर कर दिया। सारा काम धंधा चौपट हो गया मजदूर घर लौटने को मजबूर हो गए। श्री तिवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन के निर्देश पर लाँक डाउन के कारण विभिन्न प्रदेशों में सीधी जिले के फंसे मजदूरों को वापस लाने एवं उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाए जाने के कार्य हेतु मध्य प्रदेश शासन के निर्देश पर कलेक्टर सीधी द्वारा नोडल अधिकारी तय करके उनके कार्य की जिम्मेदारी नियत की गई है और उनके मोबाइल नंबर प्रकाशित कर उनसे सहयोग हेतु संपर्क के लिए कहा गया है लेकिन नियत नोडल अधिकारियों के मोबाइल पर संपर्क करने पर किसी का मोबाइल बंद बताता है, किसी का कवरेज क्षेत्र के बाहर बताता है, तो कोई फोन ही नहीं उठाता है यदि किसी ने धोखे से फोन उठा भी लिया तो उसका जवाब अति असंवेदनशील रहता है। ऐसे जवाबदेहों से मजदूरों की घर वापसी कैसे संभव हो पाएगी ? यह हालात मजदूरों के घर वापसी में सरकार की नियत को कटघरे में लाती है।