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Home सीधी दर्पण लोक अदालत से बदले शहर की तस्वीर...... मनीष श्रीवास्तव

लोक अदालत से बदले शहर की तस्वीर...... मनीष श्रीवास्तव

सीधी(ईन्यूज एमपी)-जिला विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेन्द्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में टाटा कालेज सीधी में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर के मुख्य अतिथि अपर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के सचिव मनीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अन्तर्गत धारा 22 (क) मे जन उपयोगी सेवाओं अथवा लोगों के उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत का प्रावधान किया गया। जिससे हम शहर की तस्वीर बदल सकते है। अपर जिला न्यायाधीश ने कहा कि जन उपयोगी सेवाआंे के अन्तर्गत वायु सड़क या जल मार्ग द्वारा यात्रियों या माल के परिवहन के लिये यातायात सेवा, डाक या टेलीफोन सेवा, किसी स्थापना द्वारा जनता को विद्युत, प्रकाश या जल का प्रदाय अथवा सार्वजनिक स्वच्छता प्रणाली सेवा, अस्पताल या बीमा सेवा, शैक्षिक संस्थाआंे से संबंधित सेवा, आवास या भू रहिता सेवा, आती हंै तथा इन सब में सेवाओं से तात्पर्य ऐसी किसी भी प्रकार की सेवा से है जो उसके संम्भावित प्रयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराई जाती है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उक्त लोको उपयोगी सेवाआंे से संबंधित किसी विवाद के लिये कोई भी व्यक्ति जन उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत के समक्ष आवेदन कर सकता है, लोको उपयोगी सेवाओं मे जिला न्यायालय में पदस्थ प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। जिले में पदस्थ लोक निर्माण विभाग के पदस्थ कार्यपालन यंत्री एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सदस्य नामांकित किया गया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जन उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत द्वारा पारित अधिनिर्णय को सिविल न्यायालय की डिक्री समझा जाता है तथा इसे किसी मूलवाद, आवेदन या निष्पादन कार्यवाही में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता है। न्यायाधीश ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से मोटरयान अधिनियम का पालन करने का अनुरोध करते हुये वाहन का इश्योरेंश आवश्यक रूप से कराने की अपील की।
शिविर मे उपस्थित विशिष्ट अतिथि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अजय प्रताप सिंह यादव ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर डालते हुये कहा कि अब समय आ गया है कि हम एक बार इस्तेमाल करने वाली प्लास्टिक का उपयोग करना पूरी तरह से बन्द कर दे। श्री यादव ने कहा कि प्लास्टिक के अपघटित न होने के कारण यह पानी या मिट्टी मे विघटित नहीं होता है जिससे यह वायु, जल और भूमि प्रदूषण उत्पन्न करता है जो जीव जन्तुआंे के साथ लोगों के लिये भी बहुत ही घातक है। श्री यादव ने कहा कि संविधान मे निहित मौलिक कर्तव्य भी हमसे यह अपेक्षा करते हैं कि हम अपने पर्यावरण का संरक्षण करें, श्री यादव शिविर मे उपस्थित सभी से वन यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की। श्री यादव ने दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 125 के अन्तर्गत भरण पोषण के विधिक प्रावधानों की जानकारी दी तथा कहा कि जन कल्याणकारी विधिक उपबन्धों एवं शासकीय योजनाओं की जानकारी के लिये कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में अवश्य सम्पर्क करंे।

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