सीधी(ईन्यूज एमपी)- जिले में लम्बे समय से जमे साहब को अब सीधी कि हवा इतनी रास आ गई है कि उन्हें अब सीधी का मोह छूट ही नही रहा है, कई कलेक्टर आये और गए लेकिन साहब ज्यो के त्यों जमे हुए है उन्हें मजाल क्या कि कोई हटा सके सरकारे बदली मगर साहब नही बदले क्योंकि साहब तो दोनों नावों के सवार है, जो आये उन्ही के हो लिए उन्हें किसी से बैर नही बस अपनी कुर्सी से काम है| बतादे कि लम्बे समय से उधार कि कुर्सी पर जमे साहब को सीधी से कुछ ज्यादा ही लगाव है शायद यंही कारण है कि मूल विभाग में लौटने के पैगाम के बाद भी साहब को उधार के विभाग में ही मजा आ रहा है या फिर यूं कहे कि उधार के विभाग कि माया और मेवा छोडने में तकलीफ हो रही है, वैसे साहब बड़े मिलनसार है सब को साथ लेकर चलते है और उधार की कुर्सी से मिलने वाले भोग का प्रसाद भी मिल बाट कर खाते है शायद यहीं वजह है कि कोई इनके कामो कि बुराई नही करता हां यदा कदा अगर कोई प्रसाद से वंचित हुआ तो स्वर बुलंद करता है लेकिन साहब उन्हें भी संतुष्ट करने का हुनर जानते है| साहब का दरबार कभी खाली नही रहता घर हो या दफ्तर सब जगह मजमा बराबर रहता है, कई बार साहब के तबादले भी हुए पर साहब ने कोर्ट की दौड़ लगा दी और उधार की कुर्सी से कमाई माया को कुर्सी बचाने में लगा दिया बस इसी तरह साहब की गुजर रही है और कई कलेक्टारो को विदा करने के बाद भी साहब जमे हुए है और शायद जमे ही रहेगें ...?