सीधी(ईन्यूज एमपी)-भूमि के डायवर्सन के लिये अब भूमिस्वामी को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के न्यायालय से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। अब भूमि स्वामी अपनी भूमि का विधि-सम्मत जैसा चाहे डायवर्सन कर सकेगा। उसे केवल डायवर्सन के अनुसार भूमि उपयोग के लिये देय निर्धारित भू-राजस्व एवं प्रीमियम राशि जमा करानी होगी और इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को देनी होगी। यह रसीद ही डायवर्सन का प्रमाण मानी जायेगी। कार्यालय आयुक्त भू अभिलेख की वेबसाइट https://mpbhulekh-gov-in या आरसीएमएस पोर्टल http://rcms-mp-gov-in के माध्यम से भूमि स्वामी अपना अकाउंट बनाकर डायवर्सन हेतु स्वयं अपनी भूमि का प्रीमियम व पुनर्निर्धारित भू राजस्व की राशि सीधे शासन के खाते में जमा कर सकेंगे। पोर्टल पर प्रीमियम की गणना और पुनर्निर्धारित भू-राजस्व की गणना एवं डायवर्सन की सूचना ऑनलाइन जमा करने की सुविधा उपलब्ध है। जारी निर्देशानुसार भूमिस्वामी भूमि के डायवर्सन की सूचना के साथ प्रीमियम एवं पुनर्निर्धारित भू-राजस्व की राशि शासकीय कोषालय में जमा करा कर उसके चालान की प्रति संलग्न करेंगें। इस हेतु कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख की वेबसाइट https://mpbhulekh-gov-in या आरसीएमएस पोर्टल http://rcms-mp-gov-in पर प्रीमियम की गणना तथा पुनर्निर्धारित भू-राजस्व की राशि की गणना एवं डायवर्सन की सूचना ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था उपलब्ध है। कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख की वेबसाइट को साइबर ट्रेजरी पोर्टल से सम्बद्ध किया जा चुका है, प्रीमियम तथा पुनर्निर्धारित भू-राजस्व की राशि आवेदक द्वारा भूलेख पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शासकीय कोषालय में जमा करायी जा सकती है। इसके साथ ही भूमिस्वामी द्वारा उपखण्ड अधिकारी के न्यायालय में डायवर्सन की सूचना भौतिक रूप से प्रस्तुत करने की स्थिति में उपखण्ड अधिकारी द्वारा डायवर्सन की सूचना तत्काल पोर्टल में दर्ज की जाकर आवेदक को पोर्टल से प्रिंट कर पावती प्रदान की जायेगी। डायवर्सन की सूचना भूलेख पोर्टल अथवा आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा करने की स्थिति में पावती ऑनलाइन जनरेट की जायेगी जिसका प्रिंट आउट आवेदक द्वारा लिया जा सकेगा। ऑनलाइन पावती पर उपखण्ड अधिकारी के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी। ऑनलाइन पावती में रेफरेंस नम्बर एवं क्यूआर कोड अंकित होगा, जिससे डायवर्सन की सूचना को भूलेख पोर्टल से सत्यापित किया जा सकता है। जारी निर्देशानुसार डायवर्सन की विधि सम्मत सूचना देने एवं डायवर्जित भूमि के प्रीमियम एवं भू-राजस्व की राशि के जमा होने की स्थिति में उपखण्ड अधिकारी द्वारा भू-अभिलेख में संशोधन हेतु आदेश जारी किया जायेगा। ऐसे प्रकरण जहाँ उपखण्ड अधिकारी द्वारा प्रीमियम एवं भू-राजस्व की अंतर की राशि जमा करने हेतु सम्बन्धित भूमिस्वामी को सूचना पत्र जारी किया गया है और सम्बन्धित द्वारा राशि जमा कर दी गयी है, तो उपखण्ड अधिकारी द्वारा भू-अभिलेख में संशोधन हेतु आदेश जारी किया जायेगा। यदि किसी प्रकरण में उपखण्ड अधिकारी द्वारा तीस दिन की अवधि में डायवर्सन की सूचना में कोई आदेश पारित नहीं किया जाता तो “उपखण्ड अधिकारी के अध्यधीन” टीप अंकित करते हुये तहसीलदार द्वारा भू-अभिलेख अद्यतन कराया जायेगा जो उपखण्ड अधिकारी के आदेश की प्राप्ति पर उसके अनुसार संशोधित किया जायेगा।