सीधी(ईन्यूज एमपी)- जिले के मेडिकल स्टोरों व पैथालाजी लैबो मे इन दिनों डॉक्टरों की आवाजाही का दौर जारी है। बता दें कि जिले के कई मेडिकल स्टोर ऐसे हैं जहां महीने में एक या दो बार बाहर से डॉक्टरों को बुलाकर मरीजों का इलाज किया जाता है और उनसे फीस के साथ साथ मेडिकल स्टोर में उपलब्ध दवाइयों का भारी भरकम बोझ भी थमा दिया जाता है,और मजबूरन मरीजों को महंगे दामो पर वे दवाइयां खरीदनी पड़ रही है क्योंकि जहां डॉक्टर साहब बैठते हैं वह दवाइयां केवल वही पर उपलब्ध रहती हैं इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि जिलेवासियों को मेडिकल संचालक महंगी दवाइयां भारी मात्रा में हर महीने बेच रहे हैं। जिले में कई मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा होशियारी से बाहर के डॉक्टरों से सांठगांठ कर उन्हें जिले में बुलाया जाता है और बिना किसी लाइसेंस या अनुमति के आगंतुक डॉक्टर मेडिकल स्टोर में ही अपनी ओपीडी जमा कर बैठते हैं जहां मरीजों की लंबी कतारें लगती हैं यहां तक कि डॉक्टर साहब के आगमन की सूचना पंपलेटो के माध्यम से भी फैलाई जाती है जिससे कि अधिक से अधिक मरीजों को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकें। तय दिनांक के दिन मेडिकल स्टोरों के बाहर दूर दराज से आए मरीजों की लंबी कतारें लगी रहती हैं जिनकी जांच करने के बाद डॉक्टर साहब द्वारा मेडिकल स्टोर में उपलब्ध महंगी दवाइयों की लंबी लिस्ट मरीजों को थमा दी जाती हैं, और मरीज को ना चाहते हुए भी दवाइयां लेनी पड़ती हैं यह कहना गलत नहीं है कि जिले के लोगों को बाहर से आने वाले डॉक्टरों से फायदा होता है, लेकिन यह फायदा मरीजों से ज्यादा मेडिकल स्टोर चलाने वाले संचालकों को भी होता है। जहां की सरकार द्वारा जबसे दवाइयां निशुल्क वितरित की जा रही हैं,तब से प्राइवेट दवा की दुकानों से मरीजों की भीड़ गायब होती जा रही है इस भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मेडिकल स्टोर संचालको द्वारा यह तरीका अपनाया गया है, इतना ही नहीं जिले में संचालित कई पैथोलॉजी लैब इसी तकनीक से फल फूल रहे हैं उनके द्वारा भी मरीजों को बाहर से आने वाले डॉक्टरों का लालच देकर बुलाया जा रहा है,और मेडिकल स्टोर संचालकों की तर्ज पर ही पैथालाजी संचालित करने वाले भी जांच के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूल रहे हैं हां यह बात अलग है की जिले का स्वास्थ्य अमला इन सब बातों से अनजान बना हुआ है