सीधी (ईन्यूज एमपी)- जिले में इन दिनों बरसाती किड़ो की भाति कुछ नेताओं की वापसी हुई है,जो अब अपनी पुरानी ऐंठ के साथ सक्रिय हैं,जो ये भूल चुके हैं कि प्रशासन के फंदे से बचने के लिए कभी इन्हे दल निरपेक्ष होना पड़ा था और भैया से भैया तक की दौड़ लगाने के बाद गले की फांस निकली थी। जी हां कहते हैं कि समय कैसा भी हो गुजर ही जाता है लेकिन समझदार वहीं है जो समय की मार को याद रखें पर कुछ लोग होते ही ऐसी प्रवित्ति के है कि,अपना उल्लू सीधा करने के बाद और बुरा समय निकलने के बाद फिर से अकड़ में आ जाते है,और ये वही अकड़ है जो अधिकारियों को कभी अपने राजनीतिक पकड़ का डर दिखाती हैं तो कभी भ्रष्टाचार से कमाई गई दौलत का वजन, लेकिन समय बिगड़ते ही अकड़ की भी अकड़ निकल जाती है,और एक से दूसरे भैया तक पहुंचने के लिए चाटुकारिता का पुल बनाते हैं,और सरकार बदलते ही अब किसी और के नाम पर अब गांवों में पुल बनाने में लगे हुए हैं। बताते कि जिले में इन दिनों ऐसे नेता सक्रिय हुए हैं,जो अपनी राजनीति से ज्यादा भ्रष्टाचार व अवैध कारोबार के लिए जाने जाते रहे है और कुछ समय पूर्व तक जो छिपते-छिपाते फिरते थे अब वो अधिकारियों पर रौब जमाते हुए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं और मजबूर अधिकारियों को उनकी हां में हां मिलानी पड़ रही है।