सीधी(ईन्यूज एमपी)-पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सीधी, छवारी और कुसमी में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुये। पंचायत मंत्री श्री पटेल ने उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुये कहा कि आदिवासी समुदाय देश की पुरातन संस्कृति की संवाहक हैं। देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों ने अपना अमूल्य बलिदान दिया है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिये आदिवासियों के योगदान के लिये हम सब उनके आभारी हैं। राज्य सरकार इन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। पंचायत मंत्री श्री पटेल ने जनजाति वर्ग को साहूकारों के ऋण से मुक्ति दिलाने और समुदाय के धार्मिक स्थलों के रख-रखाव के लिये आष्ठान योजना लागू करने के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 89 अनुसूचित क्षेत्र विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपये, डेबिट कार्ड देगी। इसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर दस हजार रुपये तक ए.टी.एम से निकाल सकेंगे। उन्होंने बताया कि हर हाट बाजार में ए.टी.एम. खोले जायेंगे। इसके साथ ही आदिवासी समाज के देवस्थलों को सुरक्षित रखने और उन्हें संरक्षण देने के लिए सरकार ने “आष्ठान योजना” शुरु की है। इससे हम आदिवासी समुदाय के कुल देवता और ग्राम देवी-देवताओं के स्थानों में स्थापित देवगुढ़ी/मढ़िया/देवठान का निर्माण करेंगे उनका जीर्णोद्धार किया जायेगा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जायेगा। आदिवासी संस्कृति और उनके गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने के लिए राजा शंकरशाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह की स्मृति में जबलपुर में 500 करोड़ रुपये की लागत से संग्रहालय बनाया जायेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज में जन्म और मृत्यु के समय होने वाले रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए सरकार ने ‘मुख्यमंत्री मदद योजना‘ का शुभारंभ किया है। आदिवासी परिवार में अगर बच्चा या बच्ची का जन्म होता है तो उस परिवार को 50 किलो चावल अथवा गेहूँ दिया जाएगा। इसी तरह अगर किसी आदिवासी परिवार में मृत्यु होती है तो उस परिवार को एक क्विंटल चावल अथवा गेहूँ दिया जाएगा। इस मौके पर खाना बनाने के लिए उन्हें बड़े बर्तन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे जिन्हें ग्राम पंचायतों द्वारा खरीद कर संधारित किया जायेगा। पंचायत मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आदिवासियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल के क्षेत्र में अवसर देने के लिए भी सरकार प्रयासरत है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 40 एकलव्य विद्यालय खोले जाएंगे। इनमें आदिवासी बच्चों के लिए अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सुविधाएँ भी होगी। इसी तरह 40 हाई स्कूलों का उन्नयन कर उन्हें हायर सेकेण्डरी स्कूल बनाया जाएगा। आदिवासी क्षेत्रों में सात नए खेल परिसर बनेंगें जिनमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएँ होंगी। इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिन भी आदिवासियों के वनाधिकार के प्रकरण खारिज हुए हैं उनका पुनरीक्षण किया जायेगा और पात्र होने पर उन्हें वनाधिकार पट्टा दिया जाएगा। जहाँ भी वनाधिकार प्रकरण संबंधी आवेदन लंबित है उनका अभियान चलाकर निराकरण किया जायेगा। पंचायत मंत्री ने कहा कि इन फैसलों से आदिवासी समाज की उन्नति का नया मार्ग खुलेगा और वे पिछड़ेपन के दंश से उबर कर सम्मानित जीवन जीने की ओर अग्रसर होंगे। प्रदेश में वनाधिकार के निरस्त पट्टों को पुनः बहाल करने और लोक संस्कृति के संरक्षण के प्रयास से आदिवासी समुदाय के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। स्थानीय मानस भवन में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये सांसद श्रीमती रीति पाठक ने कहा कि समाज के अंतिम छोर में खड़े व्यक्तियों के लिये संवेदना के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। अच्छे परिणाम देने के लिए नीति और नियत अच्छी होनी चाहिये। वंचित वर्गों को समानता का अवसर मिले। उनके विकास के लिये जो भी योजनाएँ चल रही हैं उनका प्रभावी क्रियान्वयन हो। विभेद के बिना सभी पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ मिलने से ही प्रदेश और देश का विकास सम्भव होगा। कुसमी में आयोजित कार्यक्रम में विधायक श्री कुंवर सिंह टेकाम ने कहा कि आदिवासी वर्ग के लिये केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की गयी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन होना चाहिये। सभी को योजनाओं का लाभ सहज एवं सुगम मिलें इसकी व्यवस्था करनी होगी। हम सबके सामूहिक प्रयास से ही आदिवासी समाज का विकास होगा। आदिवासियों को समस्याओं से मुक्ति दिलाना ही महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने आदिवासी युवाओं से जागरुक होने तथा अपने अधिकारों को प्राप्त करने और योजनाओं का लाभ ले देश के विकास में सहभागिता की अपील की। कार्यक्रम में आदिवासी समाज के विकास के लिये कार्य करने वाले समाजसेवियों को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग डा. के. के. पाण्डेय ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये संचालित विभिन्न योजनाओं के विषय में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. डी. के. द्विवेदी सहायक संचालक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया गया। इनकी रही उपस्थिति- कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक आर.एस. बेलवंशी, अपर कलेक्टर डी. पी. वर्मन, प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ए.बी. खरे, गणमान्य नागरिक रूद्र प्रताप सिंह, डा. राजेश मिश्रा, चिंतामणि तिवारी, आनंद सिंह चैहान, राजेंद्र सिंह भदौरिया, बसंती कोल, रंजना मिश्रा, भानू पाण्डेय, आनंद सिंह शेर, दान बहादुर सिंह, विनय सिंह, प्रदीप सिंह, के. एस. नेताम सहित जनप्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित रहे। कुसमी में आयोजित कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष कुसमी हीराबाई सिंह, जिला पंचायत सदस्य शेषमणि पनिका, पूर्व विधायक पंजाब सिंह, श्यामवती सिंह, उपखण्ड अधिकारी कुसमी सुधीर कुमार बेक सहित जन प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।