सीधी(ईन्यूज एमपी)- जिले में छात्रवृत्ति को जीविकोपार्जन का साधन बना चुके कालेज संचालको पर ईओ डब्ल्यू की गाज गिर सकती है , संचालकों पर पोष्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के गवन का आरोप है । जांच में दोषी पाते हुए EOW रीवा की टीम जांच कर रही है लेकिन जाँच प्रक्रिया धीमी होने के कारण इन संचालको में हर्ष व्याप्त है जबकि पूर्व में रीवा की भाति कभी भी सीधी के चर्चित चेहरों पर EOW की गाज गिर सकती है । बतादे कि 2014 के पूर्व सभी महाविद्यालयों में छात्रवृति आफ लाइन होने के कारण जिले के नामी गिरामी संचालको द्वारा इसका फायद उठाते हुए जमकर मनमानी की गई थी, और जिले के तत्कालीन अधिकारियो द्वारा जब मामले की जाँच की गई तो प्रथम दृष्टया कई महाविद्यालयो के संचालक दोषी भी पाए गए थे, जिनकी गहन जांच हेतु EOW रीवा को पूरा मामल सौपा गया था, लेकिन आज तक मामले में क्या कार्यवाही हुई इसका कोई रता पता ही नही है, लेकिन इसी तरह के एक मामले में EOW रीवा ने कुछ वर्षो पूर्व कार्यवाही करते हुए करीब आठ महाविद्यालयों के संचालको व चार दोषी तत्कालीन अधिकारीयों पर कार्यवाही की गई थी जिससे कयास लगाये जा रहे है कि किसी भी दिन सीधी जिले के भी दोषी संचालको व उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारीयों पर कार्यवाही हो सकती है, क्यूँकी कंही न कंही एन अधिकारियो के संरक्षण में ही कालेज संचालको के हौसले बुलंद है तभी तो आफ लाइन प्रक्रिया में झोल झाल करने के बाद दोषी पाए जाने के बावजूद इनके हौसले इतने बुलंद है कि वर्तमान में भी इनकी कारगुजारिया नही रुक रही है और भ्रष्ट अधिकारियो के संरक्षण में निरंतर छात्रो की छात्रवृति से स्वयं का पोषण कर रहे है ।