*मामला जनपद पंचायत कुशमी के पूर्व माध्यमिक शाला ददरी का* पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):-जिले के आदिवासी जनपद पंचायत कुशमी के संकुल केन्द्र लुरघुटी अन्तर्गत संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय ददरी मे अध्ययन रत छात्रों सहित अविभावकों द्वारा पदस्थ प्रभारी प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल जायसवाल का कभी भी समय से विद्यालय आना जाना नहीं होता है। जब आते भी हैं तो एक अतिथि शिक्षिका को साथ मे लेकर आते हैं और पठन पाठन मे रुचि न रखते हुये अतिथि शिक्षिका से गप्पे मारते बैठे रहते हैं। जब मर्जी हुई वापस चले जाते हैं। छात्रों ने नाम न छापने की सर्त पर बताया कि अनिल जायसवाल विद्यालय मे अपनी मर्जी ही चलाते हैं। यदि किसी छात्र के द्वारा पठन पाठन की बात की जाती है तो उसे दण्ड भी दिया जाता है। इतना ही नहीं छात्रो का कहना था कि विद्यालय मे उक्त शिक्षक के द्वारा कुछ एसे कृत्य भी किये जाते हैं। जिसको किसी से कहा नहीं जा सकता है। साथ ही शिक्षक के द्वारा विद्यालय की कोई भी बात घर मे बताने पर पिटाई करने व परिक्षा मे फेल करने की धमकी भी दी जाती है। जिसके डर से हम लोग विद्यालय की गतिविधियों को घर मे नहीं बता पाते हैं। छात्रो ने बताया कि मध्यान्ह भोजन भी उक्त शिक्षक के द्वारा ही बनवाया जाता है। जिसमे नाम मात्र के लिये ही मध्यान्ह भोजन के नाम पर पानी युक्त दाल और थोडा सा चावल दिया जाता है। वहीं रसोइया का कहना था कि शिक्षक द्वारा हमे कम मात्रा मे खाद्यान्न दिया जाता है। जितना खाद्यान्न मिलता है उतना बच्चों को खिलाते हैं। बताया कि बच्चों के हिसाब से खाद्यान्न मांगने पर शिक्षक द्वारा चुप रहने के लिए कहा जाता है। साथ ही विद्यालयीन दस्तावेजों को अतिथि शिक्षकों पर दबाव देकर तैयार करवाये जाते हैं। और यही सब कारण हैं कि उक्त विद्यालय से आठवीं पास होकर दूसरे विद्यालय मे पढने वाले बहुत कम छात्र आगे कक्षा मे पहुंच पाते हैं। एक शिक्षक को चार जगह प्रभार:-इसे वरिष्ठ अधिकारियों की महेरबानी ही कहा जा सकता है कि एक ही शिक्षक को चार स्थानों का प्रभार दिया गया है। जिसमें प्राथमिक शाला पाण्डे खेरबा, प्राथमिक शाला ददरी, पूर्व माध्यमिक शाला ददरी तथा आदिवासी बालक छात्रावास मेडरा मे बतौर अधीक्षक का प्रभार सौंपा गया है। साथ ही मध्यान्ह भोजन की जिम्मेदारी भी उक्त शिक्षक को ही सौंपी गई है। जबकि उक्त शिक्षक की मूल पदस्थापना अध्यापक के तौर पर पूर्व माध्मय शाला ददरी मे है। तथा ददरी से मेडरा की दूरी तकरीबन 50 किलोमीटर है। और बीच मे उक्त शिक्षक का घर भी है। इन सभी बातों से शिक्षक के कर्तव्यों के पालन का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। कि पठन पाठन मे कितना समय दे पाते होंगे। साथ ही उक्त शिक्षक के ऊपर अधिकारियों की महेरबानियों से नकारा भी नहीं जा सकता है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती मे मनमानी:-ददरी गांव के युवाओं ने बताया कि उक्त शिक्षक द्वारा अतिथि शिक्षक भर्ती फार्म जमा करने की तिथि तक विद्यालय से नदारद रहे हैं। जबकि इनके द्वारा बिना आदेश के ही पूराने अतिथि शिक्षकों को पिछले दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त कर लिया गया था। जिसके कारण हम लोगों को दूसरे गांव की विद्यालयों में फार्म डालना पडा है। जबकि शिक्षक अनिल जायसवाल द्वारा अपने चहेते अभ्यर्थियों का फार्म दबी मेले लिए गये थे। और उन्हीं की नियुक्ति भी की गई है। बताया गया कि इन सभी बातों की जांच हो जाय तो सारी चीजें सामने आ जांयेंगी।