मामला कुशमी जनपद के हाई स्कूल बस्तुआ का पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):-जिले के आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत संचालित शासकिय हाई स्कूल बस्तुआ के पूर्व प्रभारी प्राचार्य उदय कुमार दर्के पर फिर एक बार प्रशासनिक महेरबानियां झलकती नजर आ रही हैं। और प्रशासन की इन्हीं महेरबानियों के कारण शिक्षक उदय कुमार दर्के जिस भी विद्यालय के प्रभारी रहे हैं वहां के छात्र 8 वीं तथा 10वीं कक्षा मे फेल होने के बाद भैंस चराने लगे हैं। अथवा मजदूरी करनें लगे हैं। तथा शिक्षक को बराबर प्रमोशन मिलता रहा है। यही हाल बीते सत्र के मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की दशवीं बोर्ड परिक्षा का रहा है। जहाँ हाई स्कूल बस्तुआ मे 37 छात्र दर्ज थे। तथा 31 छात्र परिक्षा मे शामिल हुए थे। किन्तु एक भी छात्र परिक्षा उत्तीर्ण करने मे सफल नहीं रहा है। और विद्यालय का परिक्षा परिणाम शून्य रहा है। शासन का स्पष्ट निर्देश था कि जिन स्कूलों का दशवीं और बारहवीं का परिक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम होगा। उस विद्यालय के प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। और संभाग की कुछ स्कूलों का परीक्षा परिणाम शन्तोष जनक नहीं होने पर समीक्षा के बाद संभागायुक्त डा. अशोक कुमार भार्गव ने बोर्ड परिक्षाओं मे 30 प्रतिशत से कम परिणाम वाले स्कूलों के प्राचार्यों को विद्यार्थियों के पठन पाठन मे समुचित ध्यान न देने के कारण दो- दो वार्षिक वेतन बृद्धियां रोकने का नोटिस जारी किया गया था। साथ ही दश दिवश मे सन्तोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर दो वार्षिक वेतन बृद्धियां अबरुद्ध करने की कार्यवाही का आदेश भी दिया गया था। जिनमें सीधी जिले के 41 प्राचार्य शामिल थे। और जबाव संतोष जनक नहीं होने पर विगत दिवश दो दो वेतन बृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश भी दिया गया है। किन्तु हाई स्कूल बस्तुआ का परिक्षा परिणाम शून्य होने के बावजूद भी उक्त विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य रहे उदय कुमार दर्के के खिलाफ किसी तरह की नोटिस व कार्यवाही प्रस्तावित न करना उदय कुमार दर्के पर प्रशासनिक संरक्षण माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि उक्त प्राचार्य को कार्यवाही से बचाने की नियत से ठीक परिक्षा के बाद वरिष्ठ अध्यापक का दर्जा देकर हायर सेकेंडरी पोडी मे पदस्थ कर दिया गया था। और हाई स्कूल बस्तुआ मे अनुसुइया प्रसाद मिश्रा को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया था। प्राचार्य पर लग रहे आरोप:-विद्यालय का परिक्षा परिणाम शून्य आने के कारण ग्रामीणों मे जहाँ काफी आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य उदय कुमार दर्के पर लापरवाही बरतने के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाये जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रभारी प्राचार्य द्वारा कमीशन पर अधिकांश अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। लिहाजा प्राचार्य द्वारा अतिथि शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के बजाय उन्हें खुली छूट दी गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ अतिथि शिक्षकों को छोड दें तो अधिकांश अतिथि शिक्षक अपनी मर्जी से विद्यालय आते जाते थे। लेकिन प्राचार्य द्वारा ऐसे अतिथि शिक्षकों को कभी रोकना टोकना उपयुक्त नहीं समझा गया। बल्कि स्वयं विद्यालय से नदारद रहने के आदी थे। और पडोसी राज्य छत्तीसगढ़ से नौकरी करते थे। नतीजन विद्यालय का परिक्षा परिणाम शून्य आया है। और बच्चों का एक साल तथा अविभावकों के मेहनत की कमाई प्राचार्य के मनमानी की भेंट चढ गई है। आरोपों से घिरे हैं प्राचार्य:-हाई स्कूल बस्तुआ मे पदस्थ पूर्व प्रभारी प्राचार्य हमेशा ही आरोपों से घिरे रहे हैं। लेकिन विभागीय अधिकरियों की महेरबानी से कार्यवाहियों से बचते रहे हैं। बता दें ये वहीं प्रभारी प्राचार्य उदय कुमार दर्के हैं। जिनके ऊपर छात्र को पास करनें तीन किलो खोबा सहित एक हजार रुपये बतौर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए 12 जनवरी को जन चौपाल बस्तुआ में जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह सहित जिला पंचायत सीईओ अवी प्रसाद से शिकायत की गई थी। और कलेक्टर सिंह द्वारा कार्यवाही का आश्वासन भी दिया गया था। किन्तु कार्यवाही तो नहीं हुई। बल्कि उक्त शिक्षक का प्रमोशन करते हुये बरिष्ट अध्यापक का दर्जा देकर 10 माध्यमिक शिक्षा मण्डल का परिक्षा परिणाम घोषित होने से पहले ही हायर सेकण्ड्री पोडी मे पदस्थ कर दिया गया है