मामला कुशमी जनपद के प्राथमिक शाला नगन्ना का पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):-आदिवासी जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत संचालित शासकिय विद्यायलयों मे जहां स्थाई शिक्षकों की काफी कमी देखी जा रही है। जिससे छात्रों की पढाई प्रभावित हो रही है। वहीं कुछ ऐसी विद्यालय हैं जहां छात्रों की संख्या दर्जन भर भी पार नहीं है। किन्तु ऐसी विद्यायलयों मे जिम्मेदारों के द्वारा दो शिक्षक तैनात कर दिये गए हैं। जबकि शाला मे महज 4-6 छात्र ही नियमित रुप से उपस्थित रहते हैं। विगत दिवश टीम के भ्रमण के दौरान ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत कुशमी के संकुल केन्द्र लुरघुटी अन्तर्गत प्राथमिक शाला नगन्ना का प्रकाश मे आया है। जहां कक्षा 1 से 5 तक मे कुल 11 छात्र दर्ज हैं। जिसमे से कुछ छात्र ही विद्यालय मे पहुंते है। लेकिन विद्यालय मे एक शिक्षिका व एक शिक्षक पदस्थ किये गये हैं। बताया गया कि बीते शिक्षा सत्र मे छात्रो की संख्या 13 थी। लेकिन इस वर्ष दो छात्रो के पांचवीं उत्तीर्ण कर दूसरी विद्यालय मे दाखिला लेने के कारण शाला मे महज 11 छात्र ही शेष हैं। बताया गया कि शाला का संचालन जब से शुरू हुआ है। तब से यही स्थिति रही है। कभी भी डेढ दर्जन से अधिक छात्र संख्या नहीं हुई है। प्रधानाध्यापिका सुमित्रा वर्मा ने बताया कि विद्यालय के आसपास आबादी कम होने के कारण छात्र संख्या मे इजाफा नहीं हो रहा है। साथ ही गांव मे दो प्राथमिक शालायें और संचालित हैं। जिसके कारण विद्यालय के पास की आबादी वाले क्षेत्र के बच्चे नजदीकी विद्यालय मे जाते हैं। जबकि प्राथमिक शाला नगन्ना गांव के अन्तिम छोर मे हैं। जहां की आबादी बहुत कम है। शिक्षक ललन सिंह ने बताया कि जितने छात्र दर्ज होना था हो गये हैं। अब छात्र संख्या आगे नहीं बढेगी। शिक्षकों कहना था कि छात्र संख्या कम होने के कारण हम लोग भी बोरियत महसूस करते हैं। लेकिन क्या करें हमारे बस मे कुछ नहीं है। जबकि इस विद्यालय को गांव की किसी अन्य विद्यालय मे स्थानान्तरित कर देना ही उपयुक्त रहेगा। वहीं ग्रामीणों का भी यही मानना है कि जहां शिक्षक नहीं हैं उसी विद्यालय में इस विद्यालय को स्थानांतरित करना उपयुक्त रहेगा। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट इस विद्यालय की ओर कराया गया है। उक्त विद्यालय में छात्र संख्या शुरू से ही कम होती जा रही है। इस वर्ष और कम है। लेकिन हमारे बस मे कुछ नहीं है। जबकि यह विद्यालय मर्ज करने योग्य है। लेकिन वरिष्ठ कार्यालय के आदेश के बाद ही कुछ किया जा सकता है। बबन सिंह, प्रभारी प्राचार्य शासकिय उच्चतर माध्य. विद्यालय लुरघुटी