सीधी(ईन्यूज एमपी)-विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार दिनांक 17.07.2019 को जिला जेल सीधी में निरूद्ध विचाराधीन एवं सजायाफ्ता कैदियों के हितार्थ विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के अध्यक्ष नरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने उद्वबोधन में कहा कि प्रत्येक बन्दी को उसके प्रकरण में निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार है एवं विधिक सेवा प्राधिकरण बंदियों का यह अधिकार सुनिश्चित करता है। श्री सिंह ने बंदियों को प्लीवारगेनिंग प्रक्रिया की जानकारी देते हुये बताया कि ऐसा कोई भी आरोपी जिस पर छोटे अपराधों का आरोप है वह विचारण न्यायालय में प्लीवारगेनिंग हेतु आवेदन कर सकता है जिसमें उस आरोपी के प्रकरण का शीघ्र निपटारा हो जाता है। श्री सिंह ने बंदियों से कारागार से निकलने पर समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की अपील की। अपर जिला न्यायाधीश/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के सचिव के द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता की जानकारी देते हुए बताया कि अभिरक्षाधीन व्यक्ति को दाण्डिक न्यायालय, सत्र न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, इस हेतु बंदी जेल अधीक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आवेदन कर सकता है। जिला न्यायाधीश नरेन्द्र प्रताप सिंह एवं अपर जिला न्यायाधीश प्रियदर्शन शर्मा, योगराज उपाध्याय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जय सिंह सरौते के द्वारा इस अवसर पर जेल निरीक्षण किया गया एवं बंदियों के बेहतर रख-रखाव तथा उनके कानूनी अधिकारों के समुचित क्रियान्वयन हेतु जेल अधिकारियों को निर्देशित किया गया।