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सीधी-महंगा पडा SC/ST ACT का दुरुपयोग, न्‍यायालय ने अपने कोर्ट में किया मामला पंजीबंद्ध ......

सीधी(ईन्यूज एमपी)- विशेष न्‍यायधीश महोदया श्रीमति ममता जैन के द्वारा दिनांक 12.07.19 को एक महत्‍वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए एससी एसटी एक्‍ट के आरोपी को मामले से निर्दोष करते हुए प्रकरण के फरियादी विरेश बैगा को झूठा प्रकरण पंजीबंद्ध करने का आरोपी मानते हुए उसके खिलाफ धारा 344 CRPC के तहत अपने ही न्‍यायालय में MJC कायम करने का आदेश प्रसारित किया प्रकरण की सूक्ष्‍म कहानी इस प्रकार हैं कि फरियादी विरेश बैगा के द्वारा ग्राम करवाही थाना मझौली के गल्‍होरी यादव के खिलाफ धारा 323, 294, 506 भादवि एवं 3(1) R, 3(1)S, 3(2v) SC/ST एक्‍ट के तहत प्रकरण पंजीबंद्ध कर विवेचना उपरांत विशेष न्‍यायालय सीधी में प्रकरण पेश होने पर माननीय न्‍यायालय द्वारा साक्ष्‍यों के परीक्षण उपरांत न्‍यायालय में अभियोजन साक्ष्‍यों का अवलोकन करने पर इस प्रकरण के अभियुक्‍त गल्‍होरी यादव को दोषमुक्‍त करते हुए इस केश के फरियादी विरेश बैगा के खिलाफ अपने ही न्‍यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध करने का आदेश प्रसारित किया उक्‍त प्रकरण के फरियादी ने अपने कथन में अभियुक्‍त के द्वारा मारपीट एवं गाली गालौच जान से मारने की धमकी एवं जाति अपमान की बात तो बतायी थी इस आशय कि जानकारी विशेष लोक अभियोजक सुखेन्‍द्र द्विवेदी ने बताया कि फरियादी ने अपने कथन के पैरा 8 में यह बताया कि अभियुक्‍त के खिलाफ रिपोर्ट एवं कथन मैंने झूठे आधार पर गांव के ठाकुर नंदगोपाल के कहने पर झूठी रिपोर्ट एवं पुलिस को कथन दिया था फरियादी के इस स्‍वीकार के आधार पर माननीय विद्वान न्‍यायाधीश महोदय द्वारा आरोपी को निर्दोष मानते हुए फरियादी को दण्डित करने का आदेश प्रसारित करने पर न्‍यायधीश महोदय की न्‍यायालय में उपस्थित अधिवक्‍तागण एवं पक्षकारों ने प्रशंसा की।
माननीय विशेष न्‍यायधीश सीधी एक अन्‍य निर्णय में अभियुक्‍त अनिल सिंह गहरवार पिता राजरखन सिंह गहरवार निवासी ग्राम देवरी(कटहा) को फरियादी राजभान के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस थाना मझौली में प्रकरण पंजीबंद्ध किया गया था और विशेष न्‍यायालय सीधी में ट्रायल हुआ और ट्रायल उपरांत अपने आदेश दिनांक 12.07.19 के द्वारा अभियुक्‍त अनिल सिंह गहरवार को दोषी पाते हुए धारा 352 भादवि में 4 दिन का सश्रम कारावास एंव 250-250 रू के अर्थदंड से दण्डित किया एवं एससी एसटी एक्‍ट की धारा 3(1)ध में दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 1000 के अर्थदंड से दण्डित किया।

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