सीधी(सचीन्द्र मिश्र)- जिले के ख्याती प्राप्त विद्यालयों में सुमार गांधी विद्यालय नियम कायदों को टाक पर रख कर संचालित हो रहा है, विद्यालय में न तो अनुभवी शिक्षक है और न ही अन्य मूलभूत सुविधाए जिसके अधार पर विद्यालयों को मान्यता दी जाती है, और देखने वाली बात ये है की जिले में संचालित अन्य विद्यालयों पर जहाँ समय समय पर कार्यवाही होती रहती है लेकिन गांधी विद्यालय को एक नोटिस तक जारी नही किया जाता है | बता दे की संचालित समस्त विद्यालो में गांधी विद्यालय का विशेष स्थान है,साथ ही जिले में अच्छी शैक्षणिक सस्थाओ का आभाव है, जिसके चलते हर अभिभावक अपने बच्चे को इस विद्यालय में पढ़ना चाहते है, लेकिन अभिभावकों की इस मजबूरी का फायदा उठाते हुए गांधी विद्यालय द्वारा मनमाने आदेश जारी कर अपना तुगलकी फरमान चलाया जाता है । गांधी विद्यालय में न तो खेल मैदान है और न ही उचित स्थान , सड़क के दोनों ओर संचालित स्कूल में छुट्टी के समय जो भीड़ लगती है वो देखने लायक है , एक खास संस्थान द्वारा संचालित इस विद्यालय के अपने ही नियम कायदे है इस विद्यालय में न तो शिक्षा के अधिकार नियम का पालन किया जा रहा है, और न ही शासन के अन्य आदेशो का । चिन्हित दुकानों से स्कूल ड्रेस व् पुस्तक खरीदने की अनिवार्यता के साथ साथ वर्षभर की स्कूल फीस एक साथ जमा कराई जाती रही है,साथ ही सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुशार गर्मी की फीस नही लगेगी ...? लेकिन गांधी विद्यालय में इस बात को दर किनार कर दिया जाता है साथ ही अधिकांश लोकल शिक्षको के माध्यम से पठन पाठन का कार्य कराया जाता है |इन तमाम बातो के बावजूद गांधी विद्यालय द्वारा शासन प्रशासन को ठेगा दिखाने का काम किया जाता रहा है और बेधड़क स्कूल का संचालन कर नियम कायदों को कुचला जा रहा है ।