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Home सीधी दर्पण संजय टाइगर रिजर्व व विधायक के खिलाफ फूटा आदिवासियों का आक्रोश....

संजय टाइगर रिजर्व व विधायक के खिलाफ फूटा आदिवासियों का आक्रोश....

विस्थापन नहीं होने का ग्रामीणों ने आम सभा में लिया संकल्प

विस्थापन की सभी कार्यवाही फर्जी कहा आमसभा के संयोजक विनय सिंह नें

आदिवासी वर्ग से विधायक होने पर भी नहीं हुआ आदिवासियों का उत्थान कहा धौहनी विधानसभा के आदिवासी नेता अवध प्रताप सिंह नें

संजय टाइगर रिजर्व के एस डी ओ भरत सिंह गौर के खिलाफ गौर करो गौर के लगे नारे
पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी) :--सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व अंतर्गत ग्राम उमरिया के आम सभा में 25 ग्रामों से हजारों की तादात में आये ग्रामीणों ने एक स्वर में निर्णय लिया कि उन्हें किसी भी प्रकार से विस्थापन स्वीकार नहीं है और ना ही अपनी जन्म भूमि एवं कर्मभूमि को छोड़कर कहीं जाएंगे ही।
बताते चलें कि "संजय टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र अंतर्गत 42 ग्रामों को विस्थापित किए जाने की कार्यवाही संजय टाइगर रिजर्व व राजस्व विभाग के संयुक्त टीम द्वारा किया जा रहा है।विस्थापन रोको संघर्ष समिति तहसील कुसमी जिला सीधी'' के आयोजकत्व में 25 सितंबर को विशाल आमसभा का आयोजन किया गया था।जिसमें विस्थापन के विषय पर राय मशविरा करते हुए आगे का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टोको -रोको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के सहसंयोजक शिव कुमार सिंह गोंड़ भुमका रहे। जबकि सभा की अध्यक्षता एकता परिषद जिला सीधी के संयोजक सरोज सिंह के द्वारा की गई।
वक्ताओं द्वारा आदिवासी वनवासियों के हितों एवं अधिकार को लेकर कानून सम्मत बात रखी गई। वहीं संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी के द्वारा जिस तरह दमनकारी नीति अपनाकर वनांचल में बसे लोगों के साथ क्रूरता व ज्यादती की जा रही है एवं फर्जी तरीके से लोगों को गुमराह कर विस्थापन की कार्यवाही की जा रही है उस पर भी वक्ताओं द्वारा तीखी आलोचना की गई।एवं विस्थापन में सबसे घोटाला करने वाले संजय टाइगर रिजर्व के एसडीओ भरत सिंह गौर के ऊपर ग्रामीणों द्वारा गंभीर आरोप लगाते हुए मांग की गई कि पूरे फर्जीवाड़ा की जांच की जाए और जब ग्रामीण विस्थापन स्वीकार करते ही नहीं है तब दलालों के माध्यम से गुमराह क्यों किया जा रहा है।वहीं गौर करो गौर के नारे लगा कर एसडीओ संजय टाइगर रिजर्व को उसके घृणित कार्य के लिए आगाह भी किया गया। सभा में प्रभावित ग्रामीणों को अपना समर्थन देने विधानसभा धौहनी के ग्राम गड़ई (निवास) से आए बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता एवं धौहनी विधानसभा के आगामी पार्टी से अधिकृत प्रत्याशी अवध प्रताप सिंह द्वारा क्षेत्रीय विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि आदिवासियों के उत्थान के लिए हीे धौहनी विधान सभा को आरक्षित किया गया है। जहां 10 वर्षों से विधायक हैं।जिनकी केंद्र एवं प्रदेश दोनों जगह सरकार है। फिर भी इन बनवासी ग्रामीणों को न तो मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई गई और ना ही इन को न्याय दिलाने के लिए विधायक द्वारा इन की लड़ाई लड़ी गई। उल्टा इन निरीह भोले-भाले ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी के माध्यम से विस्थापन की कार्यवाही की जा रही है ।और इन्हें अपने जन्म भूमि और कर्म भूमि से हटाने की कूट रचित साजिश के तहत कार्यवाही की जा रही है।ऐसे में विधायक का चुप रहना कहीं ना कहीं यह साबित करता है कि ग्रामीणों को विस्थापित करने के लिए विधायक की भी मूक सहमति प्राप्त है जो कि एक जनप्रतिनिधि के दायित्व व धर्म के विपरीत है।वहीं सभा के आयोजक विनय सिंह गोंड़ द्वारा ग्रामीणों के तरफ से अपनी बात रखते हुए कहा गया कि एसडीओ भरत सिंह गौर के फर्जीवाड़े और साजिश के शिकार हम ग्रामीण जन हो रहे हैं।जो रिश्वत लेकर मनमाने तरीके से विस्थापन में पात्र अपात्र का निर्धारण करते हैं। वही पैकेज में भी कमीशन खोरी करते हैं।इतना ही नहीं गुपचुप तरीके से फर्जी ग्राम सभा को आधार बनाकर विस्थापन की कार्यवाही की जा रही है।जिसकी जांच होनी चाहिए और दोषी के ऊपर एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए। इसके साथ ही अपने आम सभा में निर्धारित किए गए बिंदुओं पर चर्चा करते हुए बताया गया है कि जब ग्रामवासी किसी प्रकार का विस्थापन नहीं चाहते हैं तब विस्थापन कार्यवाही क्यों की जा रही है।और ग्रामीण जन फर्जी ग्रामसभा नहीं होने देंगे।वन भूमि अधिकार के तहत पात्र व्यक्तियों को पट्टा दिया जाए। कुसमी तहसील के पीढ़ियों से बसे आदिवासियों को कब्जा एवं पट्टा दिया जाए।शासन के द्वारा चलाई गई योजनाओं को विस्थापित क्षेत्र में लागू किया जाए एवं विकास संबंधी निर्माण कार्य संचालित किया जाए। संजय टाइगर रिजर्व में बसे लोगों को वनोपज संकलन हेतु महुआ ,चार चिरौंजी ,तेंदूपत्ता तुड़ाई,जलाऊ लकड़ी ,व मवेशियों के लिए चरू की छूट निस्तार हेतु दिया जाए ।साथ ही तेंदूपत्ता की खरीदी उमरिया समिति में की जाय। वहीं क्षेत्रीय विधायक को आदिवासियों के प्रति असंवेदनशील एवं भाजपा का एजेंट बताते हुए कहा गया कि विस्थापन के इतने बड़े गड़बड़ी और धोखाधड़ी में क्षेत्रीय विधायक का मूकदर्शक रहना यह साबित करता है कि वह आदिवासियों के समस्या या हितों से उनका कोई सरोकार नहीं है। जिसका जवाब यही आदिवासी भाई आगामी विधानसभा चुनाव में विधायक को देंगे।
इसके अलावा सभा के मुख्य अतिथि शिव कुमार सिंह द्वारा कहा गया कि संजय टाइगर रिजर्व के विस्थापन की कार्यवाही अभी प्रथम चरण में है ।अगर लोगों की मंशा है कि विस्थापन नहीं होना है। तो शासन-प्रशासन में यह औकात नहीं है कि जबरन विस्थापित किया जाए। अगर ऐसा है तो हम ग्रामीणों के साथ हैं और उनके लड़ाई में पूरा अपना समर्थन देंगे।वहीं मूसामूड़ी और भुमका के भूमि अधिग्रहण के संबंध में किया गया आंदोलन और संघर्ष की बात भी बताया गया।वहीं सभा की अध्यक्षता कर रहीं सरोज सिंह द्वारा कहा गया कि अगर ग्रामीण एकमत हैं तो कोई उन्हें विस्थापित नहीं कर सकता है। उन्होंने भी अपने संगठन सहित ग्रामीणों की लड़ाई में अपना समर्थन ज्ञापित किया। और बताया गया कि एकता परिषद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जल ,जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहा है।जिसके लिए 2 से 6 अक्टूबर 2018 तक दिल्ली के जंतर मंतर पर जन आंदोलन 2018 का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें भारत सरकार से ऐसे बिंदु पर संवाद किया जाएगा।जिसके लिए जोबा रेलवे स्टेशन से 29 तारीख को शाम सभी सत्याग्रही एकत्रित होकर प्रातकाल वाली ट्रेन से वाया कटनी, ग्वालियर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा तादात पर लोगों को जन आंदोलन में पहुंचने की अपील की गई है।जबकि अन्य वक्ताओं में प्रेम लाल सिंह, कामरेड बलराज सिंह राज सचिव आदिवासी एकता महासभा, महावीर यादव सामाजिक कार्यकर्ता डेवा ,वंसपति सिंह खैरा, शिवचरण कुशवाहा बसपा कार्यकर्ता निवास, रमाकांत यादव देउमठ,धर्मजीत सिंह ,मुन्नी बाई विश्वकर्मा ,रंग देव कुशवाहा, एवं रणजीत सिंह अध्यक्ष संजय टाइगर रिजर्व विस्थापन समिति कुसमी ,श्रीपाल सिंह सेंधवाआदि। सभा के अंत में तहसीलदार कुसमी एवं संजय टाइगर रिजर्व के एसडीओ भरत सिंह गौर के समक्ष मांग पत्र सौंपा गया।जिसमें तहसीलदार द्वारा कहा गया कि इस मांग पत्र को कलेक्टर जिला सीधी को अवगत कराया जाएगा एवं ग्रामीणों के राय को भी बताया जाएगा ।वहीं एसडीओ संजय टाइगर रिजर्व द्वारा कहा गया कि विस्थापन कार्रवाही होती है लेकिन जबरन किसी को नहीं हटाया जा सकता है।ग्रामीणों की राय से ही आगे की कार्रवाई निर्धारित की जाएगी। आरोप-प्रत्यारोप के बारे में कहा गया अगर आरोप सही है तो उसे साबित किया जाए अगर वह दोषी है तो उसके लिए सजा को भी तैयार हैं।
सभा के संचालक एवं नेतृत्व करता राजकुमार तिवारी कार्यकर्ता टोंको -रोको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा प्रभावित ग्रामीणों से राय मशविरा करने के बाद घोषणा की गई कि शासन-प्रशासन एवं संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को 15 दिवस का समय दिया जाता है।अगर इसके बीच मांग की गई बिंदुओं पर उचित कार्यवाही एवं निर्णय किया जाता है तो उसकी समीक्षा की जाएगी ।और समीक्षा में आगे समाधान ना मिलने पर आंदोलन करने की रणनीति तय की जाएगी। कार्यक्रम में सहयोगी रहे प्रमुख लोगों में ज्योति प्रकाश नामदेव सामाजिक कार्यकर्ता, गोकर्ण सिंह ,राम कलेश भुरतिया, शिवकुमार सिंह सचिव, राममिलन बैगा, शिवभान सिंह, हीरामणि साकेत,रामचरण बैगा, गुलाब सिंह,सहित काफी तादात में ग्रामीणों ने सहयोग किए।

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