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Home मध्य प्रदेश अस्पताल में डेढ़ घंटे लाइन में खड़ी रही मां, गोद में नवजात ने तोड़ा दम....

अस्पताल में डेढ़ घंटे लाइन में खड़ी रही मां, गोद में नवजात ने तोड़ा दम....

सतना(ईन्यूज एमपी)- जिला अस्पताल में पर्ची कटाने डेढ़ घंटे तक लाइन में खड़ी महिला उस समय बदहवास हो गई जब गोद में ही 10 माह की बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची चार दिन से बुखार से पीड़ित थी। हालत बिगड़ने पर महिला बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंची थी, लेकिन ओपीडी में करीब 400 मरीजों व परिजन की भीड़ थी और पैर रखने तक की जगह नहीं थी।

शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र की खाम्हाखूजा गांव निवासी रीना शुक्ला सोमवार की सुबह बच्ची का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंची थी। महिला सुबह 9 बजे से साढ़े 10 बजे तक लाइन में ही खड़ी रही, लेकिन भीड़ की वजह से उसका नंबर नहीं आया। बच्ची की हालत गंभीर हो गई और उसने दम तोड़ दिया लेकिन महिला को इस बात का एहसास तक नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद जब महिला ने उसे हाथ लगाकर हिलाया डुलाया तो बच्ची ने कोई हरकत नहीं की।

बच्ची को दिखाने भटकती रही महिला

महिला बच्ची को गोद में लेकर अस्पताल में डॉक्टरों के पास जाने के लिए इधर-उधर भागती रही। तब मौजूद कुछ युवकों ने महिला की सहायता करते हुए उसे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कारखुर के पास ले गए। डॉ. कारखुर बच्ची को इमजेंसी वार्ड में ले गए, जांच की तो बच्ची ने दम तोड़ दिया था।

बदहवास होकर रोती-बिलखती रही मां

बच्ची की मौत के बाद मां बदहवास हालत में रोती रही। कुछ लोगों ने मोबाइल पर संपर्क करके उसके परिजन को घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिचित अस्पताल पहुंचे और बच्ची के शव को घर ले गए।
बताया गया है कि महिला का पति एक मामले में जेल में है। घर में अन्य कोई सदस्य नहीं है, वह अकेली ही घर में रहती है। इसी कारण वह बीमार बच्ची को तुरंत अस्पताल लेकर नहीं गई।

अस्पताल में अव्यवस्था

जिला अस्पताल में यदि अव्यवस्थाएं हावी नहीं होतीं तो मासूम की जान बच जाती। ओपीडी में पर्ची काटने के लिए 8 काउंटर बने हैं, इनमें से चार महिला और चार पुरुषों के लिए है। लेकिन सोमवार को सभी काउंटर में महिला-पुरुष एक साथ लाइन में खड़े थे। साथ ही पर्ची कटाने में डेढ़ घंटे का समय लग गया यदि इसके पहले इलाज मिल जाता तो शायद बच्ची बच जाती।



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