भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- भोपाल-इंदौर के बीच प्रदेश का पहला एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए परियोजना परीक्षण समिति की हरी झंडी मिल गई। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में सड़क विकास निगम को रूट का सर्वे करने को कहा गया है। निगम इसमें तय करेगा कि सड़क कहां-कहां से गुजरेगी। परियोजना में आने वाली निजी जमीन का अधिग्रहण सरकार करेगी और मुआवजा देगी। बाकी लागत केंद्र सरकार देगी। जानकारी के मुताबिक बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण मोहम्मद सुलेमान, प्रबंध संचालक राज्य सड़क विकास निगम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान अधिकारियों ने परियोजना को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। केंद्र सरकार इस परियोजना को सैद्धांतिक सहमति इस शर्त के साथ दे चुकी है कि भूमि अधिग्रहण का काम राज्य को करना होगा। इसमें जितनी भी राशि लगेगी वो भी राज्य को ही वहन करनी होगी। इसके मद्देनजर सरकार की पूरी कोशिश है कि परियोजना के लिए जिस रास्ते का चयन किया जाए वहां निजी भूमि कम से कम हो। सड़क विकास निगम ने एक्सप्रेस-वे का रूट तय करने के लिए फीडबैक इंफ्रा कंपनी का चयन कर लिया है। कोशिश यह है कि सितंबर तक सर्वे का काम पूरा हो जाए।