enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश विकलांग महापंचायत में पहुंचे आलोक अग्रवाल...........

विकलांग महापंचायत में पहुंचे आलोक अग्रवाल...........

भोपाल ( ईन्यूज़ एमपी ) - आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल सोमवार को अंबेडकर पार्क पहुंचे और यहां उन्होंने निशक्त जनों की ओर से आयोजित विकलांग महापंचायत में शिरकत की। इस दौरान प्रदेश भर से आए दिव्यांग बंधुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के विकलांग भाइयों बहनों की आवाज को नहीं सुन सकती है, उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने कहा कि आप लोग जो लड़ाई लड़ रहे हैं यह आपकी अपनी लड़ाई नहीं है, यह इस देश को बचाने की लड़ाई है। अंग्रेज चले गए लेकिन हमें आजादी नहीं मिली है। हमारे स्वतंत्रता सैनानियों ने जो सपना देखा था कि सभी के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, बिजली, रोजगार मिलेंगे, लेकिन आज जो हालात हैं, उसमें मध्य प्रदेश में 45 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। 70 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी है। बिजली सबसे महंगी है। 40 लाख परिवारों को एक किमी दूर से पानी लाना पड़ता है। 2500 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य पर सीएजी की रिपोर्ट कहती है जितनी जरूरत है, उसके आधे ही अस्पताल हैं, उनमें से भी आधे में डॉक्टर नहीं है। 5 किसान रोज आत्महत्या कर रहे हैं। तो ऐसे हालात में बिना लड़ाई के कुछ मिलने वाला नहीं। इस प्रदेश, देश और संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लडऩे के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
उन्होंने महापंचायत में वादा किया कि दिल्ली की तरह 2500 रुपए की न्यूनतम पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं यह यह नहीं कहता कि क्या करेंगे, हम कहना चाहते हैं कि अगली सरकार आम आदमी पार्टी की होगी और इसमें सभी सरकारी पद भर दिए जाएंगे। इसके अलावा प्रतिनिधित्व लोकतंत्र के तहत हर स्तर पर पंचायत से विधानसभा तक दिव्यांगों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
आलोक अग्रवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी आंदोलन से निकली पार्टी है। मैं खुद 4 साल पहले ही राजनीति में आया। उसके पहले 24 साल तक विभिन्न तरह की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि हमने और अरविंद केजरीवाल ने भी निशक्त जनों की मांगों को भी उठाया। इसीलिए जब दिल्ली में सरकार बनी तो जो पहला काम किया गया वह था कि निशक्त जनों की पेंशन को 2500 रुपए कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आपकी जो मांगें हैं, वह हमारी भी मांगें रही हैं।
कैसे अभिभावक हैं, जिन्हें निशक्तों का दर्द नहीं दिखता
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मुझे जेल भेज दिया गया। इसकी वजह थी कि मैंने प्रदेश के 2 लाख करोड़ के बिजली घोटालों को उठाया था, पुलिस प्रताडऩा के कारण आत्महत्या करने वाली एक महिला को न्याय की बात उठाई थी। तो 17 दिन जेल में रखा गया। उन्होंने बताया कि जेल में उन्होंने संविधान पढ़ा और संविधान में सरकार अभिभावक है। एक अभिभावक के तौर पर हमारे परिवार में सारे बच्चों में जो बच्चा दिव्यांग है, जो निशक्त है, उस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। उसको सबसे ज्यादा सुविधाएं दी जाती हैं। उसे सबसे ज्यादा प्यार दिया जाता है

Share:

Leave a Comment