सीधी/पथरौला (ईन्यूज एमपी)- नियमितीकरण की मांगों को लेकर जिले भर के अतिथि षिक्षकों के द्वारा दो सप्ताह से लगातार धरना प्रर्दषन व रैलियों के कारण जहां विद्यालय की षिक्षा व्यावस्था बेपटरी हो गयी है वहीं जिले की अधिकांष विद्यालयों में ताला लटक गया है जबकि कुछ कक्षाओं को छोड दे तो अन्य कक्षाओं की परिक्षायें भी सामनें है। ऐसे में सवाल ये उठता है की परिक्षा परिणाम क्या होगा। देखा जा रहा है की जिले भर में संचालित विद्यालयोें में षिक्षकों की कमी पहले से ही बनी हुई है ऐसी परिस्थिित में सरकार अतिथि षिक्षक की नियुक्ति कर षिक्षा की पहिया आगे ब-सजया रही थी किन्तु अभी चालू षिक्षा सत्र का कोर्ष पूरा नहीं हुआ है और अतिथि षिक्षक आंदोलनरत है जबकि जिले के चालिस फिसदी विद्यालय अतिथि षिक्षकों के भरोसे रहती है। इतना ही नहीं अधिकांष विद्यालयों में अग्रेंजी, गणित, तथा विज्ञान जैसी महत्वपूर्ण वि-ुनवजयायों के षिक्षक आज भी नहीं हैं और सरकार कह रही है कि पचहत्तर प्रतिषत अंक लानें वालें छात्रों को सरकारी खर्चे पर विदेष में षिक्षा दिलवाई जायेगी। ऐसी स्थिित में सरकार के दावे कहां तक सही निकलेंगें ये विचारणीय बात ही होगी। कुषमी की स्थिित अति दयनीयः-ंउचयजिले के अदिवासी जनपद पंचायत कुषमी अन्र्तगत संचालित विद्यालयों की स्थिित अत्यन्त दयनीय है क्योंकि यहां दूरस्थ अंचल की विद्यालयों में कोई अतिथि षिक्षक नहीं मिलते और दूर के ग्रामों व अन्य जनपदों से कोई जाना नहीं चाहता। अतः यहां वैसे भी षिक्षकों की कमी रहती है साथ ही अतिथि षिक्षकों के आन्दोलन पर चले जाने के कारण यहां संचालित अधिकांष विद्यालयों में ताला लटक गया है। भ्रमण के दौरान देखा गया कि जिन विद्यालयों में एक दो षिक्षक भी तो उनके आने जानें का निर्धारित समय नही होनें के कारण वच्चे कुछ समय तक मनोरंजन की पाठ षाला लगाते है और वापस घर चले जाते है। ऐसा भी नहीं है कि जिम्मेदार इन सब बातों से अनजान हों लेकिन कार्यवाही की बजाय ऐसे षिक्षकों को संरक्षण प्रदान करते देखे जाते है। जबकि कुषमी जनपद अन्र्तगत अधिकाषं षिक्षकों का आना जाना जिला या संभाग मुख्यालय से होता है वो भी कभी कभी वावजूद इसके जिम्मेदार कार्यवाही से बचते नजर आते है।