सीधी/पथरौला (ईन्यूज एमपी)-देश सहित पूरे प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा रहा है तथा पूरे भारत को स्वच्छ बनाने की होड पूरे देश में लगी है इसी के तहत जिले में भी करोंडों रूपये स्वच्छ भारत मिशन के तहत खर्च करके कुछ जनवद पंचायतों को खुले से शौचमुक्त भी घोषित किया जा चुका है किन्तु हालात अभी भी बद से बदतर है खासकर आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी में आलम ये है कि कई सरकारी कार्यालयों सहित आंगनवाडी केन्द्रों में आज भी शौचालय उपलब्ध नहीं है, लिहाजा केन्द्रों में आने वाली महिलाओं, किशोरियों व बच्चो को खुले में शौच के लिये जाना पडता है। केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाडी कार्यकर्ताओं सहित ग्रामीण महिलाओं के द्वारा बताया गया कि आंगनवाडी केन्द्र के भवन का निर्माण सत्र 2013-ंउचय14 में करवा दिया गया किन्तु शौचालय का निर्माण नहीं करवाया गया जिसके कारण केन्द्रों में आने वाली हम महिलाओं को खुले में शौच आदि के लिये जाना पडता है। बताया गया कि ग्राम पंचायत पोंडी में महिला बाल विकाष विभाग द्वारा चार केन्द्र संचालित किये जा रहे है जिनमें आदर्श आंगनवाडी केन्द्र भी है किन्तु सौचालय का निर्माण आज तक नहीं कराया गया महज एक केन्द्र में ही शौचालय का निर्माण पूर्व में कराया गया था किन्तु वह भी उपयोग के काबिल नही है। जबकि जानकारों का कहना है कि भवन निर्माण में ही शौचालय के निर्माण की राशि समाहित रहती है और शौचालय का अलग से स्टीमेट व मूल्यांकन होता है किन्तु संविदाकार के द्वारा शौचालय का निर्माण न करवा कर राशि हजम कर दी गयी। जिसमें निर्माण एजेन्सी व उपयंत्री की मिली भगत से ऐसा संभव है। पीने के पानी की भी किल्लतः-ंग्रामीणों द्वारा बताया गया कि कि केन्द्रों में आनें वाली महिलाओं व वच्चों को पीनें के पानी की भी समुचित व्यावस्था नहीं है कहीं तो हैण्ड पम्प बिगडे पडे है तो कहीं हवा उगल रहे है जिस हैण्ड पम्प में पानी निकलता भी है तो उसका कलर लाल होने के कारण पानी पीने के योग्य नहीं रहता नतीजन पानी के लिये दूर कुंये आदि का सहारा लेना पडता है, ऐसा भी नहीं है कि विभागीय अमला अनजान है लेकिन इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं सम-हजय रहे है।