भोपाल (ईन्यूज एमपी)-प्रदेश में चरम पर पहुँच चुकी शिक्षित बेरोजगारी के समाधान के लिए स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस (12-जनवरी-2018) को बेरोजगार सेना का गठन किया गया था। एक माह से भी कम समय मे इससे 10 हजार से भी अधिक शिक्षित बेरोजगार जुड़ चुके हैं। बेरोजगार सेना के कोर कमिटी सदस्य प्रदीप नापित की अगुआई में आज बेरोजगार युवाओं ने ज्योति टॉकीज़ पर प्रदर्शन किया। सैकड़ो बेरोजगार युवाओं ने टाई पहनकर बूट पॉलिश करते हुये ज़ोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षित युवाओं ने काम नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए और सरकार को जल्द से जल्द शिक्षित युवा रोजगार गारंटी कानून लाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने वहां से जाते हुए लोगों को रोककर बूट पॉलिश कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में 80% प्राप्त किये हुए बेरोजगार इंजीनिरिंग और MBA छात्र भी शामिल थे। सभी ने टाई पहनी हुई थी और गले में मैं बेरोजगार इंजीनियर हूँ, मैं बेरोजगार MBA हूँ की तख्ती लटकाई हुई थी। प्रदीप नापित ने कहा कि शिक्षित युवा रोजगार गारंटी कानून से ही प्रदेश में बेरोज़गारी की समस्या को खत्म किया जा सकता है। बेरोजगार सेना के कोर कमिटी सदस्य संजय मिश्रा ने बताया कि बेरोजगार सेना द्वारा एक मिस्ड कॉल न.(92854-00639) भी जारी किया गया है। संजय खुद 80% से इंजीनियरिंग करने के बाद भी बेरोजगार है। वस्तुस्थिति: मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति भयावह हो चुकी है। महंगी डिग्रियां लेने के बाद भी युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। जिनके पास नौकरियां हैं भी उन्हें बेहद कम तनख्वाह मिल रही है चाहे अतिथि विद्धवान हो, अतिथि शिक्षक हों या विभिन्न संविदा कर्मी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के हर 6 वें घर में एक युवा बेरोजगार है और हर 7 वें घर में एक शिक्षित युवा बेरोजगार बैठा है। वास्तविक स्थिति तो इससे भी कहीं ज्यादा खराब है। सरकारी आंकड़े: (1) रोजगार कार्यालय के डाटा के अनुसार पिछले 2 वर्ष में मध्यप्रदेश में 53% बेरोजगार बढे हैं। (3) दिसम्बर 2015 में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 15.60 लाख थी जो दिसम्बर 2017 में 23.90 लाख हो गयी है। (4) प्रदेश के 52 रोजगार कार्यालयों ने मिलकर 2016 में कुल 129 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। (5) दिसम्बर 2011 में 10 बेरोजगारों में से 7 शिक्षित थे और 2017 में 10 में से 9 शिक्षित हैं, स्पष्ट तौर पर शिक्षित बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। (6) पिछले 10 वर्षों में जनसंख्या लगभग 20% बढ़ गयी है, लेकिन सरकारी नौकरिया बढ़ने की बजाये 2.5% कम हो गयी हैं। समस्या की जड़: (1) सरकार स्वयं यह मानती है कि उनके पास बेरोजगारी से सम्बंधित सही आंकड़े नहीं हैं। जब समस्या के आंकड़े ही उपलब्ध नहीं हैं तो समाधान मिलने की आशा ही निराधार है। (2) मध्यप्रदेश में लगभग 1 लाख से अधिक सरकारी पद रिक्त हैं। (3) प्रदेश में जैसे भारी मात्रा में "लैंड बैंक" उपलब्ध है वैसे ही भारी मात्रा में "ब्रेन बैंक" भी उपलब्ध है किन्तु उसे एक जगह सूचीबद्ध नहीं किया गया है। (4) प्रदेश के युवाओं के हितों को ध्यान में नहीं रखा गया है और प्रदेश में उपलब्ध नौकरियों में उनके लिए कोई आरक्षण नहीं है। (5) अधिकारियों और नेताओं की अदूरदर्शिता के कारण प्रदेश भर के औद्योगिक क्षेत्र खस्ताहाल हैं। (6) GST का गलत इम्प्लीमेंटेशन और नोटबंदी (7) परीक्षा के लिए व्यापम द्वारा भारी भरकम फीस लिया जाना स्पष्ट तौर पर जब सरकार को यह ही नहीं पता है कि प्रदेश में कितने लोग बेरोजगार हैं और उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है तो उनके लिए उनकी योग्यतानुसार नौकरी की व्यवस्था कर पाना सरकार के लिए संभव नहीं है। सरकार द्वारा शिक्षित युवाओं को इस प्रकार नजरअंदाज इसलिए किया जा रहा है क्योंकि शिक्षित बेरोजगारी के खिलाफ कोई कानून नहीं है। ऐसे में मनरेगा की भांति एक ऐसे कानून की बेहद आवश्यकता है ताकि शिक्षित युवाओं का रोजगार सुनिश्चित किया जा सके। इस क़ानून के तहत किसी भी व्यक्ति की पढाई पूरी करने के 3 माह के भीतर सरकार उसे नौकरी मुहैया कराये अन्यथा उसे स्किल्ड लेबर की न्यूनतम मजदूरी के बराबर (9360/- नौ हजार तीन सौ साठ रूपये) का बेरोजगारी भत्ता दिया जाय। बेरोजगार सेना प्रमुख अक्षय हुंका ने बताया कि इस कानून की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। वे पिछले सप्ताह में बुंदेलखंड और विंध्य के दौरे पर थे। इस दौरान छतरपुर, सतना, रीवा, सागर, सीधी, शहडोल सहित 9 जिलों में प्रदर्शन/ मीटिंग का आयोजन किया गया था। अक्षय ने बताया कि जब तक मांग नहीं मान ली जाती आंदोलन जारी रहेगा। अगर बजट सत्र तक बात सरकार की और से बातचीत शुरू नहीं हुई तो बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान अमन दुबे, मोनू मिश्रा अरविंद, पीयूष श्रीवास्तव, सुरेश सरकार, आदर्श मिश्रा, रोहित, गौतम, दिनेश वर्मा, मयंक, कपिल साहू सहित सैकड़ो बेरोजगार युवा उपस्थिति रहे।