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Home मध्य प्रदेश सरकार के विरोध में, लाखों कर्मचारी व्हॉट्सएप, फेसबुक पर हो रहे एकजूट....

सरकार के विरोध में, लाखों कर्मचारी व्हॉट्सएप, फेसबुक पर हो रहे एकजूट....

भोपाल ( ईन्यूज़ एमपी ) - बिना किसी कर्मचारी संगठन, मोर्चा या संघ के बैनर के लाखों कर्मचारी सरकार की खिलाफत में जुटे हैं।

वे आंतरिक विरोध की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, शासन ने भले ही सातवें वेतनमान का लाभ कर्मचारियों को दे दिया हो लेकिन अभी भी प्रदेश के 74 फीसदी (15 लाख) सरकारी कर्मचारी इस लाभ से वंचित है। इन नाराज कर्मचारियों ने कर्मचारी संगठनों से दूरी बनाकर विरोध के लिए व्हॉट्सएप, फेसबुक को अपना हथियार बना लिया है। वे सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर भाजपा को वोट न देने की अपील कर रहे हैं।

सातवें वेतनमान का मामला हो या कर्मचारियों से जुड़े अन्य मुद्दे। ज्यादातर कर्मचारी संगठन, संस्था, मोर्चा और इनके आंदोलनों से दूर ही रहना पसंद करते हैं। इस कारण कर्मचारी आंदोलन, ज्ञापन कार्यक्रमों और बैठकों में अनुपातिक रूप से 10 प्रतिशत ही अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं। लेकिन, सातवें वेतनमान के मुद्दे पर तमाम कर्मचारियों में रोष दिख रहा है।

संगठनों से दूरी इसलिए...

एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अधिकांश कर्मचारी शासन-प्रशासन और राजनीतिक दलों का सीधा विरोध नहीं करना चाहते। संगठन में जुड़ने से उनका नाम भी सार्वजनिक हो जाता है। साथ ही कार्यवाही, ट्रांसफर, सीआर खराब होने का खतरा पैदा हो जाता है। कुछ कर्मचारी आंदोलनों में विश्वास नहीं रखते और आंतरिक विरोध करते हैं। विंध्याचल भवन में कार्यरत कर्मचारियों का मानना है कि संगठनों द्वारा सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने का काम किया जाता है। मांगों को लेकर सिर्फ नाम मात्र का आंदोलन होता है। इस कारण सतपुड़ा, वल्लभ भवन में होने वाली हड़तालों को पूरा समर्थन कभी नहीं मिला।

यह है आंतरिक विरोध..

सीधे तौर पर कर्मचारी बीजेपी सरकार से खफा हैं। इस कारण गुुपचुप तरीके से आगामी चुनाव में बीजेपी को वोट न देने की मुहिम भी चलाई जा रही हैं। इसमें न सिर्फ कर्मचारी का वोट बल्कि पूरे परिवार, रिश्तेदार और मित्रों को भी वोट नहीं देने की बातचीत भी की जा रही हैं। व्हॉट्सएप ग्रुपों और सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर कर्मचारी विरोधी नितियों से अन्य कर्मचारियों को अवगत कराया जा रहा है।

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