सीधी (ईन्यूज एमपी):राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश संजीव कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में दिनांक 14 दिसंबर 2024 को जिला न्यायालय सीधी एवं सिविल न्यायालय चुरहट, रामपुर नैकिन तथा मझौली में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव कुमार पाण्डेय, न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मुकेश कुमार, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह एवं अन्य न्यायाधीशगण द्वारा जिला न्यायालय परिसर में दीप प्रज्वलन कर किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि आपसी राजीनामा से प्रकरणों का निराकरण सर्वोत्तम तरीका है जिससे समय एवं धन की क्षति रूकती है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। मध्यस्थता के माध्यम से पक्षकारों को मदद होती है। श्री पाण्डेय ने अधिवक्तागण से प्रकरणों का जल्दी निराकरण करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की एवं अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रेरित किया। प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मुकेश कुमार ने कहा कि नेशनल लोक अदालत में समझौता कराते समय अपने सामाजिक दायित्व का ध्यान रखे। न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तागण से प्रकरणों का निराकरण मध्यस्थता के माध्यम से करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि यह लोक अदालत इस वर्ष की चैथी लोक अदालत है और लोक अदालत को सफल बनाने में वकीलों का अहम योगदान रहा है। समझौता एक ऐसा विकल्प है जिसमें आगे होने वाली लड़ाई समाप्त हो जाती है। श्री सिंह ने कहा कि जिन प्रकरणों का निराकरण हो जाता है उनका संदेश ऐसे प्रकरण के अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को समाज में देना चाहिए जिससे अन्य व्यक्ति भी नेशनल लोक अदालत से होने वाले लाभों को जान सके और अपने प्रकरणों का निराकरण करा सकें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव वीरेन्द्र जोशी ने मध्यस्थता के बारे में विस्तार से बताया तथा यह भी बताया कि मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो जाता है। श्री जोशी ने यह भी बताया कि किसी भी विषय पर दो पक्षों में विवाद उत्पन्न होने पर सर्वप्रथम उसे मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने के प्रयास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तागण से मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रेरित किया। श्री जोशी ने कहा कि लोगों में जागरूकता पैदा करना है ताकि लोग लोक अदालत में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर अपने प्रकरणों का त्वरित राजीनामा के द्वारा निराकरण कराये। श्री जोशी ने अधिवक्तागण से प्रकरणों का मध्यस्थता के माध्यम से अंतिम समय तक निराकरण करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की। जिला विधिक सहायता अधिकारी सिद्धार्थ शुक्ला ने शुभारंभ कार्यक्रम में उपस्थित हुये समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया। साथ ही पूर्व में हुई नेशनल लोक अदालत के आंकड़ों के बारे में जानकारी दी तथा नेशनल लोक अदालत में अधिवक्तागण से सहयोग की अपेक्षा की। कार्यक्रम का संचालन रूपेन्द्र कुमार मिश्रा सहायक ग्रेड-3 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी द्वारा किया गया। जिला विधिक सहायता अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय सीधी में 11 खंडपीठे, व्यवहार न्यायालय चुरहट में 03, मझौली में 01 व रामपुर नैकिन में 02 खंडपीठे गठित की जाकर कुल 17 न्यायिक खंडपीठे गठित की गई थी। नेशनल लोक अदालत में समझौता योग्य आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, निगोशियेबल इस्ट्रूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय तथा, नगर पालिका के जलकर से संबंधित प्रकरणों के सहित विद्युत वितरण कम्पनी, समस्त बैंकों के ऋण वसूली मुकदमा पूर्व प्री-लिटिगेशन के प्रकरण इस लोक अदालत में निपटारे हेतु रखे गये। सीधी, चुरहट, रामपुर नैकिन एवं मझौली में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित कुल 631 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 311 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इसी प्रकार कुल 5568 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 702 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 1012 प्रकरणों का निराकरण हुआ। मोटर दुर्घटना दावा के अन्तर्गत 10 क्लेम प्रकरण निराकृत किये गये जिसमें पक्षकारों को 2277000 रूपये की क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त हुई। विद्युत अधिनियम से संबंधित एवं न्यायालय में लंबित 56 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 630088 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा विद्युत के 204 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 224000 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नेशनल लोक अदालत में 3023317 रूपये के चेक बाउंस के 28 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत में 161 आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों, 18 वैवाहिक प्रकरणों, 12 सिविल प्रकरणों तथा 23 अन्य प्रकरणों का निराकरण सफलतापूर्वक किया गया। नेशनल लोक अदालत में बैंक वसूली के 187 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें विभिन्न बैंकों को 157000827 रूपये की राशि प्राप्त हुई। नगरीय निकाय के अन्तर्गत, जलकर कर के 226 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें नगरीय निकायों को लगभग 1638386 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।