भोपाल(ईन्यूज एमपी)_ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक पहचान और अधिक सशक्त भी हो रही है साथ ही एक अलग छवि बन रही है। उनकी "जो कहते हैं, वह पूरा करके दिखाते हैं" वाली कार्यशैली प्रेरणादायक है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की ग्लोबल लीडर वाली उत्कृष्ट छवि का लाभ मध्यप्रदेश को यूके-जर्मनी की 6 दिवसीय यात्रा में मिला है। इसी का परिणाम है कि इस यात्रा में लगभग 78 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव उद्योगपतियों और निवेशकों से प्राप्त हुये हैं। इससे प्रदेश के समग्र विकास और टेक्नो-फ्रेण्डली युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 30 नवंबर को मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में विदेश यात्रा से लौटने के बाद मीडिया से संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य न केवल निवेश आकर्षित करना था, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगों, शोध केंद्रों, शिक्षा केंद्रों, सांस्कृतिक केंद्रों का भ्रमण कर उन क्षेत्रों में प्रदेश के युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों का सृजन करना था। मध्यप्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टमेंटस, टेक्नोलॉजिकल पार्टनरशिप और कल्चरल सेन्टर के रूप में स्थापित करना भी था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यात्रा, भारत में मध्यप्रदेश को फ्यूचर रेडी स्टेट के रूप में प्रस्तुत करने और विभिन्न सेक्टर्स में साझेदारी को बढ़ावा देने के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए की गई। यात्रा में फरवरी- 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के प्रसार एवं निवेशकों को आकर्षित करने का समग्र और सशक्त प्रयास भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यूके एवं जर्मनी की यात्रा में निवेश के लिये फोकस सेक्टर खनिज, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक व्हीकल (ईवी), नवकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, खाद्य प्र-संस्करण थे। प्रदेश सरकार के यूके और जर्मनी दौरे में निवेशकों के साथ राज्य में औद्योगिक, तकनीकी और पर्यावरणीय विकास को गति देने के लिये निवेश को बढ़ावा देने गहन चर्चा की। जर्मनी में विशेष रूप से तकनीकी अनुसंधान, हरित ऊर्जा, और औद्योगिक विकास पर चर्चा की गई। यहाँ पर्यावरणीय स्थिरता के साथ उद्योगों को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि स्वास्थ्य और फार्मास्युटिकल सेक्टर में निवेश पर हुई चर्चा में उत्साहवर्धक परिणाम मिले। इस सेक्टर में 3000 करोड़ रूपये का निवेश प्रस्ताव मिला है। कंपनी अपना प्लांट इंदौर के स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क में लगाएगी। कंपनी द्वारा मध्यप्रदेश की नीति का अवलोकन कर अपनी संपूर्ण सहमति दी गई। हेल्थ सेक्टर में कार्य करने वाली कम्पनी के प्रबंधकों से चर्चा कर भूमि आवंटित करने का तत्काल निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक चिकित्सा उपकरण और दवाओं के उत्पादन के लिए निवेशकों को आकर्षित किया गया है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विदेश यात्रा में प्रदेश में विकास के लिये सभी क्षेत्रों पर फोकस करते हुये चर्चा की गई। सौर ऊर्जा उत्पादन और उपकरण निर्माण में निवेश के लिए हुई चर्चा में Ejea Limited और Azia Limited ने सौर ऊर्जा से क्रमशः 50 करोड़ और 100 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी उद्योग में उत्पादकता बढ़ाने और आधुनिक प्रसंस्करण एकाइयों की स्थापना पर पोलैंड की कंपनी पीपीएच टैमर से विस्तार से चर्चा हुई। इस क्षेत्र में स्वदेशी और विदेशी कंपनियों के सहयोग से नई परियोजनाओं को प्रारंभ करने की योजनाएं बनाई गई। साथ ही क्षेत्र के विकास हेतु नई तकनीकों के उपयोग पर भी विशेषज्ञों से राउंड-टेबल मीटिंग हुईमध्यप्रदेश को औद्योगिक हब बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में हुई 5 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, सागर और देश के महानगर मुंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में हुए रोड-शो से 2,76,070 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे 3,28,670 रोजगार सृजन होगा। मध्यप्रदेश में निवेश लाने के लिये हम हर जगह जाने को तैयार हैं, चाहे वह देश के अंदर हो या देश के बाहर हो। हमारा प्रयास है कि मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से सबल हो और देश की अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाए।