इन्दौर(ईन्यूज एमपी)___ मिशन मंगल और चंद्रयान के बाद अब विज्ञान के क्षेत्र में नई पौध को तैयार करने के लिए एक अनूठा प्रयास इंदौर जिले के विद्यालयों में हो रहा है। रॉकेट साइंस क्या है, अंतरिक्ष में ग्रहों की स्थिति कैसे ज्ञात होती है, आसमान नीला क्यों दिखाई देता है? ऐसी तमाम जिज्ञासाओं के उत्तर देने की यह कोशिश मोटी फीस वाले निजी स्कूलों में नहीं, बल्कि सरकारी विद्यालयों में हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा जिले के छह सरकारी स्कूलों में एस्ट्रोनामी लैब तैयार की गई हैं। यहां पूरे कक्ष को अंतरिक्ष का रूप दिया गया है।यहां रॉकेट के बारे में समझाने के लिए जीएसएलवी रॉकेट का छह फीट का मॉडल रखा हैसंस्था के जितेश शर्मा ने बताया कि जिले के बाल विनय मंदिर, उमरीखेड़ा, सांवेर, देपालपुर, महूगांव और बजरंग नगर स्थित सरकारी स्कूल में यह लैब तैयार की गई है।इस लैब में विद्यार्थी सीखेंगे कि दिन-रात कैसे होते हैं, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण किस स्थिति में होते हैं, दिन में तारे क्यों नहीं दिखते, आसमान नीला क्यों दिखाई देता है। इसके साथ अपनी परछाई से दिशा खोजना, टेलीस्कोप की मदद से चांद तथा अन्य ग्रह देखना, न्यूटन के तीनों नियम और उनका दैनिक जीवन में प्रयोग, राम यंत्र द्वारा सूर्य के प्रकाश से समय ज्ञात करना, दूसरे ग्रहों पर आपका भार कितना होगा, सितारों के माध्यम से राशि का पता लगाना, मानव पाचन तंत्र, आभासी वास्तविकता और संवर्धित वास्तविकता के माध्यम से अंतरिक्ष ज्ञान ले पाएंगे।