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बाल श्रम रोकने व निरीक्षण एवं कार्यवाही के कलेक्टर ने दिए निर्देश, प्रतिष्ठानों व होटल में बाल श्रमिक पाए जाने पर देना होगा...

सीधी(ईन्यूज एमपी)- कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बंधक श्रम सतर्कता समिति तथा बाल एवं कुमार श्रम(प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक का आयोजन किया गया। कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को बाल एवं कुमार श्रम तथा बंधुआ मजदूरी रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि सभी निर्माण एजेंसी, खनिज विभाग, होटल एवं उद्योग से जुड़े विभाग इस संबंध में सदैव एलर्ट मोड में रहें। श्रम विभाग के अधिकारियों को संस्थानों की नियमित जांच करने तथा बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी को रोकने प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने अधिनियम के प्रावधानों के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि संशोधित प्रावधानों के अनुसार 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों का सभी प्रकार के कार्य में नियोजन प्रतिबंधित है। 14 से 18 वर्ष तक के बालकों का नियोजन खतरनाक प्रक्रियाओं में प्रतिबंधित किया गया है। बाल एवं कुमार श्रम करते पाये जाने पर 20 हजार से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना एवं 6 माह तक न्यूनतम सजा का प्रावधान है। परिवार के व्यवसाय में भी रात 7 बजे से सुबह 8 बजे तक कोई बालक कार्य नहीं करेगा। बालकों के कार्य के घण्टे विनिश्चित किये गये, केन्द्र सरकार द्वारा बाल एवं कुमार श्रमिकों की पहचान, विमुक्ति तथा पुनर्वास के लिए पेसिल पोर्टल प्रारंभ किया गया है। अधिनियम में माता पिता अथवा संरक्षक के विरूद्ध भी दण्डनीय प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर 10 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राहुल धोटे, अपर कलेक्टर राजेश शाही, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविन्द श्रीवास्तव, उपखण्ड अधिकारी गोपद बनास नीलेश शर्मा, सिहावल प्रशांत त्रिपाठी, कुसमी एस.पी. मिश्रा, मझौली आर.पी. त्रिपाठी, चुरहट शैलेष द्विवेदी सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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