भोपाल (ईन्यूज एमपी) -मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. भाजपा और कांग्रेस ने लगभग सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगा दी है. हालांकि, कुछ सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी पर दोनों ही पार्टियों के घोषित प्रत्याशियों को लेकर पार्टी के लोगों में विवाद चल रहा है. दतिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पहले अवधेश नायक को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. मगर, कार्यकर्ताओं की मांग पर अवधेश नायक का टिकट काटकर पार्टी ने पुराने कार्यकर्ता राजेंद्र भारती को टिकट दिया. वहीं, बीजेपी की ओर से नरोत्तम मिश्रा मैदान में हैं. वहीं, इस चुनाव में खून से रिश्ते में भाई-भाई, चाचा-भतीजे और समधी-समधन के बीच भी मुकाबला हो रहा है. प्रदेश में पांच विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर रिश्तेदार या परिजनों के बीच मुकाबला होगा. इसमें डबरा, सागर, नर्मदापुरम, टिमरनी और देवतालाब विधानसभा सीट के नाम शामिल हैं. डबरा में इमरती देवी और सुरेश राजे के बीच समधी और समधन का रिश्ता है. ये तीसरी बार-आमने सामने हैं. इसमें दोनों नेताओं ने एक-एक बार जीत दर्ज की है. 2020 के उपचुनाव में इन दोनों ही उम्मीदवारों ने पाला बदलकर चुनाव लड़ा था. सागर विधानसभा सीट सागर में भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन और कांग्रेस से इनके छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी निधि जैन आमने-सामने हैं. नर्मदापुरम विधानसभा सीट सीतासरन शर्मा पांच बार और गिरिजाशंकर दो बार विधायक रह चुके हैं. दोनों भाई भाजपा से ही विधायक रहे. नर्मदापुरम से पहली बार ये दोनों भाई आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी से सीताशरण शर्मा तो वहीं कांग्रेस से भाई गिरिजाशंकर शर्मा मैदान में हैं. टिमरनी विधानसभा सीट टिमरनी विस सीट पर चाचा और भतीजे के बीच मुकाबला होगा. भाजपा ने यहां से विधायक संजय शाह और कांग्रेस ने इनके भतीजे अभिजीत शाह को उम्मीदवार बनाया है. यह दोनों दूसरी बार आमने-सामने हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भी दोनों के बीच हुए कड़े मुकाबले में संजय शाह को जीत मिली थी. देवतालाब विधानसभा सीट देवतालाब विधानसभा सीट पर चाचा और भतीजे के बीच मुकाबला होगा. भाजपा ने यहां विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को उतारा है तो कांग्रेस ने उनके भतीजे पद्मेश गौतम को। पद्मेश, गिरीश गौतम के बड़े भाई के बेटे हैं.