भोपाल (ईन्यूज एमपी)-ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत पर स्थापित आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण गुरुवार को हो गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी अवधेशानंद गिरी और दूसरे संतों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इसका अनावरण किया। संत और CM अस्थायी एलिवेटर से 75 फीट ऊपर पहुंचे। पूजा के बाद प्रतिमा की परिक्रमा की। प्रतिमा स्थल के करीब ब्रह्मोत्सव में 5 हजार साधु-संत जुटे हैं। यहां अद्वैत लोक के लिए भूमिपूजन हुआ और CM ने इसकी आधारशिला रखी। इसके बाद आरती की। यह 2026 तक बनकर तैयार होगा। ओंकार पर्वत (मांधाता पर्वत भी) की 11.5 हेक्टेयर जमीन पर अद्वैत लोक आकार ले रहा है। इसी के मध्य में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां अद्वैत लोक (शंकर संग्रहालय) और आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना भी की जा रही है। 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है 108 फीट की प्रतिमा, वजन 100 टन 108 फीट ऊंची यह प्रतिमा एकात्मकता का प्रतीक है। इसे 'स्टैच्यू ऑफ वननेस' का नाम दिया गया है। आदि शंकराचार्य की ये प्रतिमा 12 साल के आचार्य शंकर की झलक है। इसी उम्र में वे ओंकारेश्वर से वेदांत के प्रचार के लिए निकले थे। प्रतिमा 100 टन वजनी है और 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है। 88% कॉपर, 4% जिंक और 8% टिन को मिलाकर बनाई गई है। इसके 290 पैनल निर्माण कंपनी एलएंडटी ने जेटीक्यू चाइना से तैयार कराए हैं। सभी 290 हिस्सों को ओंकारेश्वर में लाकर जोड़ा गया है। श्रृंगेरी शारदा पीठ से आदिगुरु शंकराचार्य के लिए 112 फीट की माला लाई गई। माला 10 हजार रुद्राक्ष से बनी है। सभी पांचमुखी रुद्राक्ष हैं। CM ने कहा, 'आज आधिगुरु फिर पधार गए हैं। उनके चरणों में प्रणाम। उपयुक्त अवसर पर यह माला आदिगुरु को पहनाई जाएगी। अभी सुरक्षित रखते हैं।' मठ की ओर से पादुका भी आएगी। शृंगेरी शारदा पीठ कर्नाटक में चिकमगलूर जिले के श्रृंगेरी में है। अपडेट्स... हवन - पूजन के बाद संगीत और लोकनृत्य के जरिए केरल की पारंपरिक देव आराधना की गई। आदिगुरु शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ था। CM, पत्नी साधना सिंह के साथ चतुर्वेद पारायण महायज्ञ में शामिल हुए। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर भी हवन पूजन में शामिल हुईं। CM शिवराज सिंह चौहान सुबह 11 बजे कार्यक्रम स्थल पहुंचे। स्वामी अवधेशानंद जी गिरी महाराज, परमात्मानंद जी, स्वामी स्वरूपानंद जी और स्वामी तीर्थानंद जी साथ हैं। आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है। CM और संत अस्थायी इलिवेटर के जरिए यहां पहुंचे और प्रतिमा के चरणों में नमन किया। आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है। CM और संत अस्थायी इलिवेटर के जरिए यहां पहुंचे और प्रतिमा के चरणों में नमन किया। आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण और ब्रह्मोत्सव में 5 हजार साधु-संत जुटे हैं।