मंडला(ईन्यूज एमपी )- तीन जून तक तीन खेप में कुल 13 बायसन को कान्हा टाइगर रिजर्व से संजय टाइगर रिजर्व भेजने में प्रबंधन को सफलता मिली है। गौरतलब है कि पहली खेप में 1 जून को चार बायसन सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व के लिए रवाना किए गए। चार बायसन संजय टाइगर के लिए रवाना किए गए इनमें दो नर एवं मादा गौर शामिल रहे। दूसरी खेप 2 जून को रवाना की गई। इसमें पांच मादा एवं एक नर कुल छह बायसन (गौर) संजय टाईगर रिजर्व के लिए विशेष रूप से वन्यप्राणी परिवहन वाहन से रवाना किया गया। तीसरी खेप शनिवार तीन जून को रवाना की गई। इसमें तीन मादा गौर संजय टाईगर रिजर्व के लिए विशेष रूप से बनाए गए वन्यप्राणी परिवहन वाहन से रवाना किया गया। इन विशेषज्ञों की उपस्थिति चला अभियान विशेषज्ञों की उपस्थिति में वन विभाग ने कार्यवाही कर के तीसरे दिन तक कुल 13 गौर सफलतापूर्वक भेजे जा चुके है। कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह का कहना है कि इस कार्यवाही के दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), मध्यप्रदेश जसवीर सिह चौहान, भा.व.से. विशेष रूप से कान्हा में उपस्थित थे। इस कार्यवाही में मध्यप्रदेश वन विभाग के पुनीत गोयल, भा.व.से., उप संचालक कान्हा टाईगर रिजर्व एवं संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारियों/कर्मचारियों के अतिरिक्त भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के प्रोजेक्ट इन्चार्ज डॉ. पराग निगम तथा उनके सहयोगी तथा मघ्यप्रदेश वन्यप्राणी स्वास्थ्य एवं फॉरेंसिक संस्थान, जबलपुर की शोभा जावरे के नेतृत्व में टीम संलग्न थी। वर्तमान प्रक्रिया पूर्णतः भारतीय विशेषज्ञों की देखरेख में संपन्न की जा रही है। इस प्रक्रिया के अध्ययन के लिये छत्तीसगढ़ एवं कर्नाटक राज्य के वन्यप्राणी प्रबंधन अधिकारी भी उपस्थित रहे। भेजे जाएंगे कुल 35 बायसन: कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि इस एक सप्ताह में कान्हा से 35 बायसन काे संजय टाइगर रिजर्व में पुर्नस्थापित किया जाना प्रस्तावित किया गया है। कान्हा टाइगर रिजर्व से संजय टाइगर रिजर्व में बायसन के ट्रांसलोकेशन की योजना वर्ष 2021 में भारत सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृत की गई थी। इस योजना को मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पहल पर भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून ने तैयार किया है। इसके पूर्व वर्ष 2011-12 में कान्हा टाईगर रिजर्व से 50 गौर का प्रत्यास्थापन बांधवगढ टाईगर रिजर्व, उमरिया में सफलतापूर्वक किया गया, वहाँ लगभग 150 गौर की संख्या है।