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सांसद श्रीमती पाठक ने जिला अस्पताल में साॅफटवेयर का शुभारम्भ किया

सीधी : जिला अस्पताल में सांसद श्रीमती रीती पाठक ने मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने हेतु साफटवेयर का शुभारम्भ किया।
इस मौके पर नगर पालिका के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह, कलेक्टर विशेष गढ़पाले, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. दीक्षित सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डाॅ. व्ही.वी. ंिसह बघेल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आर.आर. खन्ना, जिला टीकाकरण डाॅ. एल.पी गुप्ता, सहित चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ, उपस्थित था।?
बताया गया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की सत्त समीक्षा और प्रतिदिन किये जा रहे प्रयासो से जिले में मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। कुछ माहों से जिला स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में अच्छी रैंकिग भी प्राप्त कर रहा है। उक्त व्यवस्था मे और सुधार लाने के उदेश्य से जिले में एक टोल फ्री काल सेंटर 10589 खोला गया है। जिसमे निम्नलिखित सेवाओ हेतु काॅल किया जा सकता है। गर्भवती एवं धात्री माताओ को सेवाए न मिलने पर, बच्चो को टीकाकरण की सेवाएं न मिलने पर, गर्भवती और धात्री माताओं की मृत्यु होने पर तथा नवजात शिशु एवं बच्चो की मृत्यु होने पर।
उक्त काॅल सेंटर साफटवेयर द्वारा संचालित है जिसमे काल करने वाले का विवरण फीड किया जाता है। विवरण डालते ही महिला से सम्बन्धित जानकारी एस.एम.एस. के माध्यम से सम्बन्धित आशा, ए.एन.एम. तथा आगनवाडी कार्यकर्ता के पास चली जाती है जिससे उन्हे पता चल जाय कि उनके क्षेत्र में एक गर्भवती महिला है। दिन भर में रजिस्ट्रड माताओ की कुल जानकारी एस.एम.एस के माध्यम से खण्ड चिकित्सा अधिकारी को हो जाती है। जिससे वो सभी इन्ट्री एम.सी.टी.एस. में फालो कर सके। इसके अतिरिक्त साफटवेयर में निम्नलिखित सुविधाएं हैं। एम.सी.टी.एस से डेटा इंपोर्ट तथा एक्सपोर्ट करने की सुविधा, एम.सी.टी.एस. के डेटा को आधार मानकर साफटवेयर कार्यकरता है। इसके बिना काॅल सेंटर में रजिस्ट्रड लोगो पर भी यह साफटवेयर काम करता है। गर्भवती महिला का ए.एन.सी का समय निकट आने पर महिला तथा सम्बन्धित आशा, ए.एन.एम. को आटोमेटिक एस.एम.एस चला जाता है। जिससे वें सक्रिय हो जाते है। यह गर्भवती माता तथा सम्बन्धित आशा एवं ए.एन.एम को समय समय पर माता को लगने वाले टीके तथा दवाई की जानकारी एस.एम.एस के माध्यम से देता है।
प्रसव के समय पुनः एस.एम.एस महिला, सम्बन्धित आशा, ए.एन.एम. उस क्षेत्र के जजनी एक्सप्रेस के ड्राईवर को चला जाता है। एक एस.एम.एस निकटस्थ डिलेवरी पाइंट पर भी जाता है जिससे वहां पूर्व तैयारीयां की जा सकें। सम्बन्धित आशा, ए.एन.एम. को प्रसव के कुछ दिन पूर्व ही एस.एम.एस जाता है ताकि वह सम्बन्धित महिला को संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित कर सकें। प्रसव के पश्चात पुनः महिला एवं सम्बन्धित आशा, ए.एन.एम. को बच्चे के टीके हेतु एस.एम.एस जाता है। सभी एस.एम.एस आॅटोमेटिक सूट होते हैं जिनका आधार एम.सी.टी.एस का डेटा होता हैै। एस.एम.एस हिन्दी यूनिकोड मे होते हैं।

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