आलीराजपुर(ईन्यूज एमपी)-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को आलीराजपुर पहुंचे जहां वे आदिवासी पर्व भगोरिया के रंग में रंगे नजर आए। सीएम शिवराज आदिवासी परिधान, सिर पर पगड़ी और कुर्ते पर जैकेट डाले नजर आए। उन्होंने काला चश्मा भी पहना। शिवराज सिंह चौहान के साथ पत्नी साधना सिंह भी मौजूद रहीं और वो भी आदिवासी परिवेश में नजर आई। कार्यक्रम का शुरुआत कन्या पूजन के साथ हुई। इसके बाद सीएम आदिवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फाल्गुन का महीना है। हाेली आने वाली है। बसंत ऋतु चल रही है। हमारे नौजवान मांदल की थाप पर नृत्य कर रहे हैं। मैं आदिवासी संस्कृति को प्रणाम करता हूं। अपने सम्बोधन में सीएम ने भगोरिया को जनजातीय परंपरा का अभिन्न अंग और लोक उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि मैं ऐलान करता हूं कि अब से भगोरिया को राजकीय पर्व और सांस्कृतिक पर्व माना जाएगा। साथ ही यह भी घोषणा की है कि जिले के सोंडवा के 106 गांव में पानी लाने के लिए सर्वे कराया जाएगा। भाजपा की सरकार है, क्यों चिंता करते हो। कांग्रेस और कमलनाथ की थोड़े हैं। भगोरिया में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को 2 बजे हैलीपैड पहुंचे। वह खुली जीप पर सवार होकर कार्यक्रम स्थल पहंचे। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि आलीराजपुर में ही मैंने घोषणा की थी कि हमारे आदिवासी भाई बहनों के खेतों में नहर से पानी नहीं आता है तो बड़े बड़े पाइपों से पानी खींचेंगे। टेस्टिंग हो रही है और इस साल आपके खेतों में पाइप से पानी पहुंचाकर ही हम चैन की सांस लेंगे। खेतों में पानी पहुंचेगा तो ऐसी फसल पैदा होगी कि पंजाब वाले पीछे रह जाएंगे। हमारे किसान चमत्कार करेंगे। सीएम शिवराज सिंह ने बाबा छीतू किराड़ का स्मारक बनाने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बाबा छीतू किराड़, जिन्होंने 1883 में अंग्रेजों को हमारी ताकत बताई थी कि भारत की ताकत क्या होती है। हम यह फैसला कर रहे हैं कि छीतू बाबा किराड़ की प्रतिमा को सोरवा किले में लगाएंगे। उस किले का पूरा जीर्णोद्धार कराएंगे। छीतू बाबा किराड़ का भव्य स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जल्द ही आऊंगा, जब हम सोंडवा में सिंचाई परियोजना का शुभारंभ करेंगे। तब मैं विस्तार से बात करूंगा। अभी नाचिए, गाइए और अपनी परंपरा को आगे बढ़ाइए। मामा भी साथ है और आज तो मामी को भी साथ लाया हूं।