enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक साल में तीन बार स्थानांतरण को माना अनुचित

हाई कोर्ट ने एक साल में तीन बार स्थानांतरण को माना अनुचित

जबलपुर(ईन्यूज एमपी)- हाई कोर्ट ने महज एक साल में तीन बार स्थानांतरण करने के मामले में अंतरिम राहत देते हुए व्यवस्था दी कि याचिकाकर्ता के आवेदन के निराकरण तक उसे वर्तमान पदस्थापना में ही बने रहने दें। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने पन्न्ा उत्तर वन मंडल के डीएफओ को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार कर 40 दिन के भीतर उचित निर्णय पारित करें।

पन्ना के धरमपुर फारेस्ट रेंज में कार्यरत मुकेश कुमार मिश्रा ने याचिका दायर कर बताया कि 15 अक्टूबर 2022 को उनका स्थानांतरण नार्थ डिवीजन से साउथ डिवीजन कर दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि इससे पहले 23 अगस्त, 2022 को निलंबन के दौरान मुकेश को अजयगढ़ भेज दिया था। इसके बाद छह सितंबर, 2022 को उन्हें धरमपुर स्थानांतरित कर दिया गया। महज एक माह के भीतर विभाग ने 15 अक्टूबर को याचिकाकर्ता का स्थानांतरण धरमपुर से बीट गार्ड गोवर्दा कर दिया। याचिकाकर्ता का बेटा मानसिक दिव्यांग है और उसकी देखभाल करने वाला अन्य कोई सदस्य नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के आवेदन के निराकरण तक वह धरमपुर में ही कार्यरत रहेंगे।

Share:

Leave a Comment