भोपाल(ईन्यूज एमपी) जेपी अस्पताल के कोरोना वार्ड में बुधवार देर रात दो मरीजों की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि रात में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई थी, जिसके कारण मरीजों की जान चली गई।जान गंवाने वाली 50 साल की रामरती अहिरवार ICU में भर्ती थीं, जबकि सीबी मेश्राम कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती थे। आरोपों पर जेपी के सिविल सर्जन डॉ. राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि ऑक्सीजन सप्लाई नहीं रुकी थी। दोनों मरीजों की हालत गंभीर थी। अब तक इस मामले में किसी तरह की जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं। 11 दिसंबर 2020 को हमीदिया के कोरोना वार्ड की दो घंटे बिजली गुल होने से ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई थी। तब ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे तीन मरीजों की मौत हो गई थी। हालांकि, जांच रिपोर्ट में क्लीनचिट दे दी गई थी। बेटे का दर्द, उसी की जुबानी; रात ढाई बजे कोई मरीज चिल्ला रहा था, गार्ड ने मुझे अंदर नहीं जाने दिया रामरती के बेटे जीवन ने भास्कर को बताया, ‘मां को 28 मार्च को जेपी में भर्ती कराया था, तब उन्हें तेज बुखार था। 29 को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बुधवार रात को मां की हालत अच्छी थी। उन्होंने मुझसे बात की, दलिया खाया और सो गई थीं। मैं रात में वार्ड के बाहर ही रुका था। रात ढाई बजे वार्ड में कोई मरीज बुरी तरह चिल्ला रहा था। तब मैं वार्ड में जाना चाहता था, लेकिन गार्ड ने अंदर नहीं जाने दिया। सुबह 7 बजे डॉक्टर ने फोन कर बताया कि मां की हालत बहुत खराब है, आकर देख लो। अंदर मां बेसुध पड़ी थीं। हम मां को दूसरे अस्पताल ले जाना चाहते थे, उन्हें बाहर भी ले आए, लेकिन अस्पताल वालों ने पुलिस बुला ली और हमें मां को नहीं ले जाने दिया। अगले दिन दोपहर में शव सौंपा गया। इसके लिए भी मुझे मिन्नतें करनी पड़ीं।’ दूसरे मृतक सीबी मेश्राम को दो दिन पहले ही परिजनों ने यहां भर्ती किया था। उनको निमोनिया था। अस्पताल प्रबंधन की मानें तो उनकी कोरोना जांच कराई गई, लेकिन एंटीजन टेस्ट निगेटिव था। ऐसे में RTPCR सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट नहीं आने की स्थिति में उनको कोरोना सस्पेक्टेड वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा था। जहां गुरुवार तड़के करीब तीन बजे उनकी मौत हो गई।