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Home मध्य प्रदेश गृह विभाग ने CM शिवराज की नोटशीट मिलने के 48 घंटे बाद सिंधिया.....

गृह विभाग ने CM शिवराज की नोटशीट मिलने के 48 घंटे बाद सिंधिया.....

भोपाल (ईन्यूज़ एमपी) राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को 18 साल बाद आखिर भोपाल में सरकारी बंगला मिल गया है। राज्य सरकार ने श्यामला हिल्स में उन्हें बंगला (B-5) एलॉट कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की नोटशीट चली गई तो 48 घंटे में ही गृह विभाग ने बंगला एलाॅटमेंट आर्डर गुरुवार दोपहर 12 बजे जारी कर दिया। जबकि सिंधिया पिछले तीन साल से भोपाल में सक्रियता बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वे इस रणनीति में काफी हद तक कामयाब नहीं हो पाए। इसकी एक बानगी ‘बंगला’ भी है। कांग्रेस के ( गुटबाजी के चलते) नेताओं को लगता था कि यदि सिंधिया को भोपाल में बंगला एलॉट हो गया तो सरकार में उनका हस्तक्षेप ज्यादा बढ़ जाएगा।इस बंगले को इच्छावर से बीजेपी विधायक करणसिंह वर्मा भी एलॉट कराना चाहते थे। कमलनाथ सरकार गिरने के बाद जैसे ही शिवराज सरकार सत्ता में आई तो वर्मा ने इस बंगले को एलॉट करने का आवेदन कर दिया था। उनका तर्क था कि वे पूर्व मंत्री हैं और सात बार के विधायक हैं। लिहाजा उन्हें यह बंगला एलॉट किया जाए।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि विधायक वर्मा को उम्मीद थी कि बघेल बंगला खाली करेंगे तो उन्हें एलॉट हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसको लेकर वर्मा ने कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय में बात की, लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं मिला। बताया जा रहा है कि वर्मा ने अफसरों के समक्ष नाराजगी भी व्यक्त की थी, बावजूद इसके उन्हें यह बंगला नहीं मिल पाया।

शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में बतौर कांग्रेस सांसद भोपाल में बंगला एलॉट करने के लिए सिंधिया ने आवेदन किया था लेकिन नहीं मिला। इसके बाद कमलनाथ सरकार आई तो लगा कि अब सिंधिया की मुराद पूरी हो जाएगी, लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है। जिस गृह विभाग ने अब 48 घंटे में सिंधिया को अब बंगला एलाॅट कर आदेश की काॅपी जारी कर दी, कमलनाथ सरकार के वक्त वह आवेदन पर केवल सलाह देता रहा।

अब बताते हैं कि कमलनाथ सरकार में सिंधिया को क्यों बंगला एलॉट नहीं हुआ था और गृह विभाग के अफसरों ने उन्हें कैसे उलझा कर रखा था? प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर चार ईमली स्थित पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्रसिंह का बंगला मांगा था। कमलनाथ ने यह पत्र गृह विभाग को भेज दिया था। यह जानकारी मिलते ही भूपेंद्रसिंह ने अप्रैल 2020 से पहले बंगला खाली न करने की जानकारी गृह विभाग को दे दी थी।

इसके बाद गृह विभाग ने सिंधिया को सलाह दे दी थी कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लिंक रोड नंबर 1 से प्रोफेसर कॉलोनी स्थित बंगले (जो सुषमा स्वराज का निधन होने के कारण खाली हुआ था) में एक माह में शिफ्ट हाेने वाले हैं। यदि वे चाहें तो यह बंगला उन्हें एलॉट हो सकता है। यह बताना जरूरी है कि गृह विभाग ने भूपेंद्रसिंह का बंगला खाली होने की प्रत्याशा में सांसद नकुलनाथ को एलॉट कर दिया था।

सूत्राें का कहना है कि इस बीच सिंधिया ने शिवराज से बंगला देखने की इच्छा भी जाहिर की थी। आखिर तक शिवराज ने लिंक रोड नंबर एक का बंगला नहीं छोड़ा। ऐसे में सिंधिया को यह बंगला भी नहीं मिल पाया।

राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था के जानकार कहते हैं कि कमलनाथ सरकार यदि सिंधिया को बंगला एलॉट करना चाहती तो अधिकतम एक सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी हो सकती थी (अब शिवराज सरकार में मात्र 48 घंटे में हो गई ) लेकिन कमलनाथ सरकार ऐसा नहीं चाहती थी क्योंकि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गुट भोपाल में सिंधिया को सक्रिय नहीं होने देना चाहते थे। हालांकि अब भी वही स्थिति है।

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