भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया था, लेकिन करीब दो साल बाद 2020 में हुए 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मतदाताओं ने एक बार फिर भाजपा सरकार के सात महीने के कामकाज पर भरोसा जताया है। अब मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार स्पष्ट बहुमत वाली हो गई है। मतदाताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर मुहर लगाते हुए मंगलवार को 28 में से 19 सीटें भाजपा की झोली में डाल दीं। कांग्रेस को नौ सीटों पर जीत मिली है। सभी सीटें जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस ग्वालियर-चंबल की कुछ सीटों पर ही बेहतर प्रदर्शन कर पाई। दीपावली के चार दिन पहले आए इन परिणामों के बाद जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया, वहीं कांग्रेस में मायूसी छाई रही। उपचुनाव में सिंधिया समर्थक तीन मंत्री हार गए। कमल नाथ-दिग्विजय सिंह की जोड़ी को दीपावली से पहले मतदाताओं ने राजनीतिक वनवास पर भेज दिया है। अधिक सीटों पर उपचुनाव की वजह से इसे सत्ता का 20-20 मैच भी माना जा रहा था। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 समर्थकों ने इसी साल मार्च में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर और कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। इससे कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उपचुनाव के लिए मतदान से पहले तक कांग्रेस के विधायकों द्वारा पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी रहा और अब भी एक सीट रिक्त है। इस परिणाम के बाद भी 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 229 विधायक ही रहेंगे। उपचुनाव के दौरान ही दमोह के कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 115 हो गया और कांग्रेस के सामने सभी 28 सीटें जीतने की चुनौती आ गई। इसके बाद से ही भाजपा के लिए रास्ता आसान नजर आने लगा था, लेकिन कांग्रेस की ओर से सभी सीटें जीतने का दावा किया जाता रहा। उपचुनाव के नतीजों और कांग्रेस के दावों में जमीन-आसमान का अंतर रहा। 28 सीटों के उपचुनाव के नतीजे देर रात घोषित मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे देर रात घोषित हो गए। भाजपा ने 19 सीटें तो कांग्रेस ने नौ सीटें जीती हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से मतगणना का काम देर रात तक चला। इस बार 1,441 मतदान केंद्र भी अधिक बनाए गए थे। वहीं, पहली बार 80 साल से अधिक आयु, निशक्तजन, कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को डाक मतपत्र के माध्यम से घर से मतदान की सुविधा दी गई थी। इनकी गणना में अतिरिक्त समय लगने की वजह से मतगणना में देरी हुई और नतीजे घोषित होने में भी विलंब हुआ। विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित विधानसभा-जीत-हार अंबाह-कमलेश जाटव भाजपा-सत्यप्रकाश सखवार कांग्रेस ग्वालियर-प्रद्युम्न सिंह तोमर भाजपा-सुनील शर्मा कांग्रेस भांडेर- रक्षा संतराम सरौनिया भाजपा-फूलसिंह बरैया कांग्रेस पोहरी-सुरेश धाकड़ भाजपा-कैलाश कुशवाह बहुजन समाज पार्टी बमोरी-महेंद्र सिंह सिसौदिया भाजपा-कन्हैयालाल अग्रवाल कांग्रेस अशोकनगर-जजपाल सिंह जज्जी भाजपा-आशा दोहरे कांग्रेस मुंगावली-बृजेंद्र सिंह यादव भाजपा-कन्हईराम लोधी कांग्रेस सुरखी- गोविंद सिंह राजपूत भाजपा-पारुल साहू केशरी कांग्रेस मलहरा-प्रद्युम्न सिंह लोधी भाजपा-रामसिया भारती कांग्रेस अनूपपुर-बिसाहूलाल सिंह भाजपा- विश्वनाथ सिंह कांग्रेस सांची-डॉ. प्रभुराम सिंह भाजपा-मदनलाल चौधरी कांग्रेस हाटपीपल्या-मनोज चौधरी भाजपा-राजवीर सिंह बघेल कांग्रेस मांधाता-नारायण सिंह पटेल भाजपा-उत्तमपाल सिंह कांग्रेस नेपानगर-सुमित्रादेवी कास्डेकर- भाजपा-रामकिशन पटेल कांग्रेस बदनावर- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव भाजपा- कमलसिंह पटेल कांग्रेस सुवासरा-हरदीप सिंह डंग भाजपा-राकेश पाटीदार कांग्रेस सांवेर-तुलसीराम सिलावट भाजपा-प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस मेहगांव-ओपीएस भदौरिया भाजपा-हेमंत कटारे कांग्रेस जौरा-सूबेदार सिंह रजौधा भाजपा- पंकज उपाध्याय कांग्रेस ग्वालियर पूर्व-डॉ.सतीश सिकरवार कांग्रेस- मुन्न्ालाल गोयल भाजपा सुमावली-अजब सिंह कुशवाह कांग्रेस-एदल सिंह कंषाना भाजपा मुरैना-राकेश मावई कांग्रेस-रघुराज सिंह कंषाना भाजपा डबरा- सुरेश राजे कांग्रेस-इमरती देवी भाजपा दिमनी-रविंद्र सिंह तोमर कांग्रेस-गिर्राज दंडोतिया भाजपा करैरा-प्रागीलाल जाटव कांग्रेस-जसमंत जाटव भाजपा ब्यावरा-रामचंद्र दांगी कांग्रेस-नारायण सिंह पंवार भाजपा आगर- विपिन वानखेड़े कांग्रेस-मनोज ऊंटवाल भाजपा गोहद-मेवाराम जाटव कांग्रेस-रणवीर जाटव भाजपा