सीधी (ईन्यूज एमपी)- जिले में तीन विभागों के बीच केरोसिन कि खपत का मामला सामने आया है जहां महज कागजों में ही केरोसिन का वितरण दिखाकर कालाबाजारी के आरोप लगाये जा रहे हैं । नाम सार्वजनिक नही किये जाने के शर्त पर सूत्रों द्वारा हांसिल जानकारी के अनुसार अक्टूबर माह में अधिकांश स्थानों पर केरोसिन का वितरण ही नहीं हुआ है महज कागजों में कोरम पूर्ति करने के बाद केरोसिन कहां गया इसका पता ही नहीं चला बात करें खड्डी क्षेत्र की जो दर्जन भर दुकानों में महज पावती ही लोगों के हाथ लगी है केरोसिन का कुछ अता पता ही नहीं है वहीं सेमरिया ब्रांच के अधिकांश इलाकों में भी लोगों को केरोसिन का वितरण ही नहीं किया गया बल्कि सूत्रों की माने तो दुकानों तक केरोसिन पहुंचा ही नहीं है केवल कागजों में सेल्समैन से फर्जी पावती संग्रह कर ली गई है आम आदमी के अधिकारों पर सीधे-सीधे डाका डाला जा रहा है इस पूरे मामले में सहकारिता विभाग, डीलर और खाद्य विभाग की साझा करतूत उजागर हो रही है जिस और अब तक प्रशासन की नजर नहीं गई है और आम आदमी को मिलने वाली केरोसिन की कालाबाजारी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यावस्था खाद्य , सहकारी बैंक , नान , फेडरेशन सहित डीलर के पेंच में फलफूल रही है , सरकार चाहे जितनी तकनीकी कोशिसें करले फिर भी सब कुछ कम है , खाद्यान्न वितरण व्यावस्था में जीपीएस सिस्टम लागू है लेकिन क्रियान्वयन कागजों तक सीमित है । देखना होगा कि पीडीएस के माई बाप जिले में कलेक्टर हैं और इस कैरोसिन की कालाबाजारी की निष्पक्ष जांच होगी या नही ...