पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):--जनपद क्षेत्र मझौली के ग्राम ताला निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद गफूर द्वारा अपने पत्नी जुमरतिया बी के वार्षिक श्राद्ध पर साप्ताहिक कार्यक्रम समापन के बाद कैलाश स्वर्ण बृद्धाश्रम ताला पहुंचकर आश्रम में रह रहे वृद्धजनों एवं आश्रम के संचालक व सहसंचालक के साथ आश्रम के कर्मचारियों को वस्त्र दान किए। वही चाय नाश्ता के लिए 11 सौ रुपए नगद दान किए। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि सालाना कुरान खानी का कार्यक्रम उनके निवास में 19 दिसंबर से प्रारंभ हुआ है जहां 19 अक्टूबर को कुरान शरीफ का शुभारंभ हुआ।20 को मोहम्मद साहब का बयान (प्रभु वचन,) 21 को इमामे हुसैन का रदीअल्लाह अलहा का बयान (मोहर्रम ताजिया) दीन फैलाने के लिए मोहम्मद आए थे और शहीद हो गए थे जिसके बारे में कुरान वाचन किया गया। 22 को हजरत अली कर्बलाहे मैदान में शहीद हुए उन्हीं का बयान,23 को ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर का बयान, 24 को शाहताजा बाबा मुकुंदपुर का बयान एवं 25 अक्टूबर को कुरान शरीफ का समापन (फातिहा )और जुमरतिया बी की सालाना विदाई का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कुरान वाचन करने वाले हजरत सैयद तमजीद मियां कादरी, मौलाना इबरार एवं हजरत कारी मिकाइल रजा थे। वहीं कार्यक्रम को लेकर हजरत सैयद तमज़ीद मियां कादरी ने बताया गया कि मरने वाले की आत्मा की शांति के लिए कार्यक्रम आयोजित हुआ था जहां तमाम आने वाले लोगों को बायजू नसीहत तकरीर यानी प्रवचन के माध्यम से बताया गया कि जिंदगी का स्लाह (नशा मुक्त) होकर जीना चाहिए एवं अच्छा रास्ता अपनाना चाहिए। जिंदगी का मकसद रब की बंदगी करना है उसी से मन एवं आत्मा को शांति मिलती है यही अल्लाह का संदेश है। बताते चलें कि जुमरतिया बी की पिछले वर्ष मृत्यु हो गई थी जिसका ताला ग्राम में ही मायका व ससुराल दोनों थे जो घर घर जाकर चूड़ी बिंदी बेचा करती थी जिसे गांव के लोग बहनजी (बइया ) नाम से संबोधित करते थे जो काफी लोकप्रिय रही हैं जिससे उनके वार्षिक श्राद्ध के कार्यक्रम में सभी धर्म के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे और पूरे कार्यक्रम में शामिल रहे।वह अपने पीछे दो बेटे मोहम्मद कुद्दुश एवं मोहम्मद सिद्दीक सहित पोता-पोतियों से भरा पूरा परिवार छोड़कर परम गति को प्राप्त हुई थी।